आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रही मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने और ‘न्यू इंडिया’ की नींव रखने के लिए भारी भरकम नौ लाख करोड़ रुपये के पैकेज का डोज देने का फैसला किया है। इसके तहत साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये की ‘भारतमाला परियोजना’ शुरू कर देश में अभूतपूर्व स्तर पर हाईवे और एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जाएगा। वहीं, फंसे कर्ज के संकट से बैंकों को उबारने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। माना जा रहा है कि इन उपायों से न सिर्फ विकास की रफ्तार तेज होगी बल्कि बड़े स्तर पर रोजगार भी पैदा होंगे
कैबिनेट ने नौ लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। इसमें प्रमुख ऐतिहासिक सड़क निर्माण कार्यक्रम है, जिस पर अगले पांच साल में 6.92 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इस कार्यक्रम के तहत देश में 83,677 किमी सड़क का जाल बिछेगा। इससे 14.2 करोड़ मानव श्रम दिवस रोजगार पैदा होने का अनुमान है।
इस सड़क निर्माण कार्यक्रम की धुरी सरकार की नई परियोजना ‘भारतमाला’ होगी, जिसके तहत 34,800 किलोमीटर सड़क बनेंगी, जबकि लाख करोड़ खर्च होंगे।
इसके तहत ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, आर्थिक कॉरिडोर और सीमावर्ती सड़कें बनाई जाएंगी। पूवरेत्तर के क्षेत्रों को भी सड़कों से जोड़ा जाएगा। पैकेज का दूसरा अहम भाग बैंकों को 2.11 लाख करोड़ की पूंजी मदद है।
बैंक पिछले कई वर्षो से फंसे कर्ज के संकट का सामना कर रहे हैं। वित्त सचिव अशोक लवासा ने बताया कि ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिए जिन उपायों की घोषणा की गई है, उन पर 14 लाख करोड़ का व्यय होने का अनुमान है। हालांकि इसमें अन्य सरकारी कार्यक्रमों पर खर्च की जा रही राशि शामिल नहीं है।