भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) को ‘महारत्न’ कंपनी का दर्जा प्रदान किया गया है और बीपीसीएल महारत्न के रूप में सम्मानित की जाने वाली अठवीं कंपनी बन गयी है।
पीएसयू कंपनियों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है-
1- महारत्न
2 नवरत्न
3- मिनिरत्न- कैटेगरी -1
कैटेगरी- 2
=>महारत्न
सरकार द्वारा इस टाइटल की स्थापना 2010 में की गई, जिसने एक कंपनी के निवेश को 1000 करोड़ से बढ़ाकर 5000 करोड़ कर दिया।
आज के समय में कोई भी महारत्न फर्म किसी प्रोजेक्ट में अपनी कुल कीमत का 15 प्रतिशत निवेश करने का निर्णय बिना सरकार की अनुमति के ले सकती है।
वहीं दूसरी ओर, कोई भी नवरत्न कंपनी सरकार की अनुमति लिए बिना किसी भी प्रोजेक्ट में 1000 करोड़ रुपए तक निवेश कर सकती है।
महारत्न-
1- तीन साल तक 5000 करोड़ से अधिक का शुद्ध लाभ
2- तीन सालों की औसत नेट वर्थ 15000 करोड़ रुपए।
3- तीन सालों का औसत टर्नओवर 25000 करोड़ रुपए।
=>नवरत्न
नवरत्न टाइटल 1997 में 9 पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को भारत सरकार की ओर से दिया गया था, क्योंकि वह पब्लिक सेक्टर की ऐसी कंपनियां थीं, जिनकी परफॉर्मेंस अन्य कंपनियों से खास थी।
इस तरह का टाइटल देने के देकर सरकार इन कंपनियों का सपोर्ट करना चाहती थी, ताकि भविष्य में वे एक ग्लोबल दिग्गज के रूप में उभर कर सामने आ सकें।