बजट के terms : हम आपको बजट में आने वाले इन कठिन शब्दों के बारे में बताएंगे जिसके बाद आपके लिए बजट को समझना और आसान होगा....
क्या होता है आम बजट?
आम बजट पूरे देश के लिए होता है, जिसमें सरकार नए वित्त वर्ष का लेखा जोखा पेश करती है। सरकार संसद को बताती है कि आने वाले एक साल में वह किस काम के लिए कितना पैसा खर्च करेगी।
- वैसे तो देश के संविधान में बजट शब्द का जिक्र नहीं है लेकिन जिसे हम बोलचाल की भाषा में आम बजट कहते हैं उसे संविधान के आर्टिकल 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण कहा गया है। इसमें एक वित्त वर्ष के लिए अनुमानित प्राप्तियों और खर्चों का विस्तृत ब्योरा होता है।
क्या होता है राजकोषीय घाटा: राजकोषीय घाटा सरकार के कुल खर्च और राजस्व प्राप्तियों एवं गैर ऋण पूंजी प्राप्तियों के योग के बीच का अंतर है।
क्या होता है पूंजीगत खर्च: यह फंड्स का आउटफ्लो (खर्च) होता है। सड़कों का निर्माण या लोन चुकाने को कैपिटल एक्सपेंडिचर में डाला जाता है।
राजस्व खर्च: पूंजीगत खर्चों में वर्गीकृत किए गए खर्चों को छोड़कर सभी खर्चे राजस्व खर्चों में आते हैं। इससे एसेट्स या लाइबिलिटीज (दायित्वों) में कोई फर्क नहीं पड़ता। तनख्वाह, ब्याज भुगतान और अन्य प्रशासनिक खर्चे राजस्व खर्चों में आते हैं।
कॉर्पोरेट टैक्स: इस तरह का टैक्स कार्पोरेट संस्थानों की फर्मों पर लगाया जाता है, जिसके जरिए आमदनी होती है। इस बार करदाताओं को इसके 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद किए जाने की उम्मीद है।
सीमा शुल्क: इसे ही कस्टम ड्यूटी कहा जाता है। इस तरह का शुल्क उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जो या तो देश में आयातित की जाती है और या फिर देश के बाहर उनका कहीं निर्यात किया जाता है। आयातक और निर्यातक इस शुल्क को अदा करते हैं।
चालू खाता घाटा: इसे इंग्लिश में करेंट अकाउंट डेफिसिट यानी CAD कहते हैं। इस तरह का घाटा राष्ट्रीय आयात और निर्यात के बीच के अंतर को दर्शाता है।
डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर): इस तरह का कर व्यक्ति और संस्थानों की आय और उसके स्त्रोत पर लगता है। सामान्य तौर पर यह संपत्ति और आमदनी पर इनकम टैक्स, कारपोरेट टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स और इनहेरिटेंस टैक्स के जरिए लगता है।
विनिवेश: आसान शब्दों में इसका मतलब यह होता है कि सरकार किसी संस्थान या फर्म में अपनी हिस्सेदारी का कुछ फीसदी हिस्सा किसी प्राइवेट फर्म को बेच देता है। ऐसा आमतौर पर इसलिए किया जाता है ताकि कंपनी के प्रदर्शन को सुधारा जा सके और सरकार के राजस्व में भी कुछ इजाफा हो।
उत्पाद शुल्क: यह एक तरह का कर होता है जो कि एक देश की सीमाओं के भीतर बनने वाले सभी उत्पादों पर लगता है।
बजट अनुमान: इस तरह के अनुमान में एक साल का राजकोषीय एवं राजस्व घाटा शामिल होता है। इस शब्द का मतलब यह होता है कि एक वित्तीय वर्ष के दौरान केंद्र सरकार ने कितना खर्चा किया और उसे कर राजस्व के जरिए कितनी आमदनी हुई।
बजट घाटा: ऐसी स्थिति तब उत्पन्न होती है जब आपके खर्चे प्राप्त राजस्व से अधिक हो जाते हैं।
एप्रोप्रिएशन बिल: यह बिल संचित निधि में से खर्चों के लिए पैसे निकासी को हरी झंडी देने की तरह है। यह वह प्रस्ताव है जिसे संसद लोकसभा में मतदान के बाद पास करती है।
एग्रीगेट डिमांड: यह अर्थव्यवस्था की कुल मांगों का एक योग होता है। इसकी गणना उपभोक्ता वस्तुओं एवं सेवाओं और निवेश पर होने वाले व्यय को जोड़कर की जा सकती है।
एग्रीग्रेट सप्लाई: यह देश में उत्पादित होने वाली वस्तु एवं सेवाओं का कुल योग होता है और इसमें निर्यातित माल की कीमत को घटाने के बाद आयातित माल की कीमत भी शामिल होती है।
जीडीपी: एक वित्तीय वर्ष में किसी देश की सीमा के भीतर बनने वाली कुल वस्तुओं एवं सेवाओं के योग को सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।