टैक्स चोरों और काला धन रखने वालों के खिलाफ मोदी सरकार की मुहिम में शामिल होकर कोई भी करोड़पति बन सकता है. दरअसल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल में अपनी इनामी राशि में बढ़ोतरी कर इसे पांच करोड़ रुपये तक कर दिया है. इसे पाने के लिए आपको किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में जानकारी देनी होगी जो टैक्स नहीं चुकाता या जिसके पास कालाधन जमा है. वैसे इसका दूसरा पक्ष यह है कि झूठी जानकारी देने पर आपको लेने के देने पड़ सकते हैं. आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
पिछले महीने सरकार ने आईटीआई (इनकम टैक्स इन्फॉरमेंट) पुरस्कार योजना 2018 की घोषणा की थी. योजना के मुताबिक कालाधन अधिनियम, 2015 और कर आरोपण अधिनियम, 2015 के तहत किसी व्यक्ति की अघोषित आय और संपत्ति की जानकारी देने वालों को सरकार इनाम देगी. इसके अलावा बेनामी लेनदेन सूचना (बीटीआई) पुरस्कार योजना 2018 के तहत भी बेनामी संपत्तियों की जानकारी देने वाले के लिए इनाम की व्यवस्था है. इस योजना के तहत एक करोड़ रुपये तक की राशि प्राप्त की जा सकती है. यहां यह बताना जरूरी है कि ऐसा नहीं है कि इन दोनों योजनाओं के तहत जानकारी देने वाले को कुल छह करोड़ का इनाम मिल जाएगा. खबरों के मुताबिक पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का इनाम नहीं दिया जा सकता.
योजना के मुताबिक कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह टैक्स चोरी की जानकारी कर विभाग को दे सकता है. यह जानकारी विश्वसनीय होनी चाहिए. इसके लिए जानकारी देने वाले व्यक्ति को वैध दस्तावेज भी देने होंगे ताकि संबंधित आरोपित के खिलाफ टैक्स चोरी का मामला साबित किया जा सके. कालेधन या कर चोरी के लिए आयकर महानिदेशक (खुफिया) से संपर्क किया जा सकता है. वहीं, बीटीआई योजना के तहत आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त के यहां जानकारी दी जा सकती है.
सीबीडीटी ने अलग-अलग जानकारियों के हिसाब से इनाम देने के लिए स्लैब तैयार किए हैं. किसी व्यक्ति को कितनी राशि बतौर इनाम देनी है यह उसके द्वारा दी गई जानकारी और संपत्ति की कीमत पर निर्भर करेगा. साथ ही इनाम की राशि दो चरणों में दी जाएगी - अंतरिम और अंतिम (इंटरिम एंड फाइनल). अंतरिम पुरस्कार जानकारी देने के चार महीने के अंदर दिया जाएगा. वहीं, अंतिम पुरस्कार के लिए यह अवधि छह महीने होगी. अंतिम पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली राशि पर अतिरिक्त कर देय होगा.
किस जानकारी पर कितना इनाम
कालाधन अधिनियम, 2015 के तहत अघोषित विदेशी आय या संपत्ति की जानकारी देने पर अधिकतम अंतरिम इनामी राशि 50 लाख रुपये तय की गई है. जबकि अंतिम राशि पांच करोड़ रुपये होगी.
कर अधिनियम, 2015 के तहत अघोषित आय या संपत्ति की जानकारी देने पर पांच लाख रुपये अंतरिम और 50 लाख रुपये अंतिम पुरस्कार के तौर पर दिए जाएंगे.
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 के तहत एक करोड़ रुपये तक की अघोषित नकदी या बिना हिसाब वाले खातों की जानकारी देने पर 15 लाख रुपये का अंतरिम और एक करोड़ रुपये का अंतिम पुरस्कार दिया जाएगा.
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