एनएमसीजी और एनआईयूए द्वारा ‘नदी प्रबंधन का भविष्य ' पर आइडियाथॉन का आयोजन

जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी)  और शहरी मामलों का राष्ट्रीय संस्थान (एनआईयूए) ने "नदी प्रबंधन का भविष्य" पर एक आइडियाथॉन का आयोजन किया, जिससे पता लगाया जा सके कि कोविड-19 का संकट कैसे भविष्य में प्रबंधन के लिए रणनीतियों को आकार दे सकता है। कोविड-19 के संकट से निपटना दुनिया भर के अधिकांश देशों के लिए एक चुनौती बनी हुई है, जिसके कारण अधिकांश स्थानों पर लॉकडाउन जैसी स्थिति देखी जा रही है। हालांकि, इस संकट के इर्द-गिर्द आम चिंता और व्यग्रता रही है, लेकिन इस संकट ने कुछ सकारात्मक घटनाक्रमों को भी सामने लेकर आया है। इन्हीं में से एक है प्राकृतिक पर्यावरण में दिखाई देने वाला सुधार। नदियां स्वच्छ हो गई हैं। हवाएं साफ हो गई है। जीएचजी उत्सर्जन में काफी गिरावट दर्ज की गई है। पशु-पक्षी वापस लौट रहे हैं और अपने आवासों का आनंद ले रहे हैं। विशुद्ध रूप से नदी प्रबंधन के दृष्टिकोण से, भारत में पिछले कुछ सप्ताहों में गंगा और यमुना में जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पिछले वर्ष के दौरान, गंगा डॉल्फिन, एक संकेतक प्रजाति, को नदी के कई हिस्सों में देखा जाने लगा है, जो कि सुधार को दिखा रहा है। गंगा और उसकी सहायक नदियों में लॉकडाउन के दौरान इसका ज्यादा झलक देखने को मिल रहा है। वेनिस की प्रसिद्ध प्रदूषित नहरें साफ हो गई हैं क्योंकि उसके पास पर्यटक नहीं आ रहे हैं। हाल के इतिहास में पहली बार, डॉल्फ़िन इटली के जलमार्ग में वापस आ गई हैं क्योंकि वहां नेविगेशन बंद हो गया है।

 

आइडियाथॉन में इस बात की जांच की गई है कि संकटों से निपटने के लिए नदियों की सामाजिक दृष्टिकोण का लाभ कैसे उठाया जा सकता है? महामारी ने हमें नदी प्रबंधन के लिए क्या-क्या सबक सिखाया है? और नदी संकट की स्थिति में किस प्रतिक्रिया वाले तंत्र की आवश्यकता है?

 

For what purpose:

नदी प्रबंधन की ओर ज्यादा ध्यान आकर्षित करने और नदी के साथ शहरों की इंटरकनेक्टिविटी को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा इस आइडियाथॉन की शुरुआत की गई। शहरी नियोजन की पारंपरिक विधियों की तुलना में एक अलग दृष्टिकोण, अगर ठीक से योजना बनाई जाए तो नदी वाले शहरों को न केवल नदी के सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व का लाभ उठाने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है बल्कि पारिस्थितिक महत्व और आर्थिक क्षमता का भी लाभ उठाने की जरूरत है, जो कि शहर के लिए मददगार साबित हो सकती है।

 

REFERENCE: PIB

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download