TI द्वारा जारी भ्रष्टाचार सूचकांक-2017 में भारत को 81वां स्थान मिला है जो 2016 के मुकाबले दो पायदान कम है. 2016 में भारत 79वें स्थान पर था.
transparency international ने भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस की स्वतंत्रता के लिहाज से सबसे कमजोर देशों में शामिल किया है. उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फिलीपींस, भारत और मालदीव जैसे देशों में न केवल भ्रष्टाचार, बल्कि पत्रकारों की हत्या के मामले भी ज्यादा हैं.
उधर, भ्रष्टाचार सूचकांक-2017 में 89 अंकों के साथ न्यूजीलैंड सबसे ऊपर है. इसके बाद 88 अंकों के साथ डेनमार्क है. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में सीरिया को 14 अंक, दक्षिण सूडान को 12 अंक और सोमालिया को 9 अंक मिले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 41 अंकों के साथ चीन 77वें और 29 अंकों के साथ रूस 135वें स्थान पर है.
इस सूचकांक में शामिल 180 देशों में से दो-तिहाई देशों को 50 से कम अंक मिले हैं जो इनमें भ्रष्टाचार के ऊंचे स्तर का संकेत है. यही नहीं, जिन देशों में एनजीओ और प्रेस की आजादी के सुरक्षा के इंतजाम कमजोर हैं, वहां भ्रष्टाचार की दर भी ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक बीते छह साल में 10 पत्रकारों में से नौ उन देशों में मारे गए हैं, जिन्हें सूचकांक में 45 या इससे कम अंक मिले हैं.
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