What is soil health card scheme?
स्वायल हेल्थ कार्ड योजना का उद्देश्य देश के सभी किसानों की 12 करोड़ जोतों के सॉयल हेल्थ के विषय में जानकारी प्रदान करना है। भारत में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत फरवरी, 2015 में राजस्थान में की गई थी।
सॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को मिट्टी की पोषक तत्व संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य व उर्वरता में सुधार करने के लिए उचित मात्रा में उपयोग किए जाने वाले पोषक तत्वों की सलाह देता है। हर दो साल में मिट्टी की स्थिति का आकलन किया जाता है ताकि पोषक तत्वों की कमी का पता लगाया जा सके और सुधार किया जा सके
स्वायल हेल्थ कार्ड की प्रमुख विशेषताओं में नमूने एकत्र करने एवं प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए एक समान दृष्टिकोण अपनाना, देश में सारी भूमि को कवर करना और हर दो वर्ष में स्वायल हेल्थ कार्ड जारी करना शामिल हैं। यह योजना राज्य सरकारों के सहयोग से चल रही है। मिट्टी में होने वाले परिवर्तनों को मॉनिटर करने और इनकी तुलना पिछले वर्षों से करने के लिए एक पद्धतिबद्ध डाटाबेस तैयार करने वास्ते जीपीएस आधारित मिट्टी नमूना संग्रहण को अनिवार्य कर दिया गया है। नमूनों के ऑनलाइन पंजीकरण और परीक्षण परिणामों को सॉयल हेल्थ कार्ड के राष्ट्रीय पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। परीक्षण के परिणामों के आधार पर इस सिस्टम द्वारा स्वतः ही सिफारिशों की गणना की जाती है। स्वायल हेल्थ कार्ड 14 स्थानीय भाषाओं में तैयार किया जाता है और किसानों को वितरित किया जाता है।
स्वायल हेल्थ कार्ड पोर्टल को अब समेकित उर्वरक प्रबंधन सिस्टम (आई-एफएमएस) से जोड़ दिया गया है और सॉयल हेल्थ कार्ड सिफारिश के अनुसार उर्वरकों के वितरण का कार्य पॉयलेट आधार पर 16 जिलों में शुरू कर दिया गया है।
What is soil health card app all about
किसानों की मदद के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड एप लांच किया गया।
- इस ऐप से क्षेत्र स्तर के कार्यकर्ताओं को लाभ होगा।
- नमूना संग्रह के समय फील्ड से नमूना पंजीकरण विवरण कैप्चर करने में यह मोबाइल ऐप स्वचालित रूप से जीआईएस समन्वय को कैप्चर करता है और उस स्थान को इंगित करता है जहां से क्षेत्र के कार्यकर्ताओं द्वारा मिटटी का नमूना लिया जाता है।
- यह ऐप राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए विकसित अन्य जियोटैंगिग ऐप की तरह काम करता है। ऐप में किसानों के नाम, आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, लिंग, पता, फसल विवरण आदि दर्ज होता है।