‘समग्र शिक्षा’ योजना आरंभ (Integrated scheme for education)

‘समग्र शिक्षा’ योजना स्कूली शिक्षा की अवधारणा में महत्वपूर्ण बदलाव है और इसमें ‘स्कूल’ को स्कूल पूर्व प्राइमरी, अपर प्राइमरी, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तरों की निरंतरता के रूप में माना गया है।

  • योजना का फोकस अंग्रेजी के टी शब्द – टीचर्स और टेक्नोलॉजी का एकीकरण करके सभी स्तरों पर गुणवत्ता में सुधार लाना है। समग्र का अर्थ संपूर्ण है न कि विभिन्न भागों की संख्या। इस योजना का नामकरण सटीक है क्योंकि यह योजना विभिन्न स्तरों की शिक्षा को बांटे बगैर स्कूल शिक्षा को समग्र दृष्टि से देखती है।
  • यह योजना ग्रेड अनुसार, विषय अनुसार शिक्षा प्राप्ति परिणामों पर आधारित होगी। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिला स्तर के कदमों के बारे में रणनीति बनाने के लिए 2017-18 में सबसे बड़ा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) कराया गया। इससे विद्यार्थियों को शिक्षा देने में फोकस विषय वस्तु से लेकर योग्यता पर किया जाएगा। योजना में सभी हितधारकों -माता-पिता/अभिभावक, स्कूल प्रबंधन समिति सदस्य, समुदाय तथा राज्यकर्मी सभी की सक्रिय भागीदारी होगी ताकि बच्चों को गुणवत्ता संपन्न शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • यह योजना टेक्नोल़ॉजी का लाभ उठाने और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अच्छी गुणवत्ता, संपन्न शिक्षा की पहुंच को व्यापक बनाने में सहायक होगी। शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्म ‘दीक्षा’ शिक्षकों के उपयोग के लिए उच्च गुणवत्ता की शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराएगा। यह योजना पांच वर्षों से अधिक सभी माध्यमिक विद्यालयों में ‘ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड’ को समर्थन देगी ताकि स्मार्ट क्लास रूमों, डिजिटल बोर्डों तथा डीटीएच चैनलों के माध्यम से डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ाया जा सके। शाला कोष, सगुन, शाला सारथी जैसी डिजिटल पहलों को मजबूत बनाया जाएगा।
  • यह एक नई पहल है और समग्र शिक्षा स्कूल पूर्व स्तर से 12वीं कक्षा तक एकल शिक्षा स्कूल विकास कार्यक्रम के माध्यम से योजनाओं के एकीकरण का लाभ स्कूल को एक इकाई के रूप में देखने में मिलेगा।

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