प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके)

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) को प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के रूप में नामकरण करने और पुनर्गठन की मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इसे 14वें वित्‍त आयोग की शेष अवधि के दौरान जारी रखने को भी मंजूरी दे दी है।

प्रभाव :

  • पुनर्गठित कार्यक्रम अल्‍पसंख्‍यक समुदायों को विशेष रूप से शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कौशल विकास के क्षेत्र में बेहतर सामाजिक-आर्थिक संरचना सुविधाएं उपलब्‍ध कराएगा। इससे पिछड़ेपन के मामले में राष्‍ट्रीय औसत और अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के बीच खाई में कमी आएगी। कार्यक्रम में लचीलापन को शामिल किये जाने से महत्‍वपूर्ण विषयों के समाधान में मदद मिलेगी और इससे अल्‍पसंख्‍यक समुदायों की अधिक समावेशिता के साथ तेजी से कार्यक्रम लागू होगा।
  • अल्‍पसंख्‍यक सघनता वाले शहरों तथा गांवों के क्लस्‍टरों को चिन्हित करने के मानक को अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के जनसंख्‍या प्रतिशत मानक घटा कर विवेकसंगत बनाया गया है और निम्‍नलिखित तरीकों से पिछड़ेपन के मानकों को पूरा किया गया है:

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  • पहले केवल उन शहरों को अल्‍पसंख्‍यक सघनता वाला माना जाता था, जो बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक आर्थिक मानकों में पिछड़े थे। अब दोनों में से कोई एकमानक वाले शहर अल्‍पसंख्‍यक सघनता वाले शहर माने गए हैं।
  • पहले गांवों के वैसे क्लस्‍टर सघनता वाले मानते जाते थे, जिनमें अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की कम से कम आबादी 50 प्रतिशत हो, लेकिन अब जनसंख्‍या मानक को घटा कर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • मानकों को तर्कसंगत बनाये जाने से समुदायों के समावेशी विकास और सामाजिक सौहार्द में मदद मिलेगी।
  • ·पीएमजेवीके के अंतर्गत कवर किये जाने वाला क्षेत्र वर्तमान बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक होगा।
  • ·बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम में देश के 196 जिले कवर किये गये थे, जबकिपीएमजेवीके में देश के 308 जिले कवर किये जाएंगे।

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