Some Fact
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2001 में जारी की गई विश्व स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि चार परिवारों में से एक परिवार का कम से कम एक सदस्य वर्तमान में मानसिक और व्यावहारिक विकार से पीडि़त है।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य तथा तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निम्हांस) द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार 12 राज्यों में से बेंगलुरू में सामान्य मानसिक विकार, गंभीर मानसिक विकार तथा मादक पदार्थ तथा मादक पदार्थ के प्रयोग से उत्पन्न विकार (तम्बाकू प्रयोग के विकारों को छाड़कर) 18 वर्ष से अधिक के युवाओं में 10.6 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा वर्ष 2015 में जारी की गई भारत में दुर्घटना से होने वाली मौतें तथा आत्महत्या संबंधी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 के दौरान देश में कुल 9408 व्यक्तियों ने आत्महत्या की है जिसमें पागलपन/मानसिक रूग्णता के कारण 18 वर्ष से कम आयु के आत्महत्या करने वाले किशोरों की संख्या 522 है।
GoI’s Effort
सरकार ने कॉलेजों/स्कूलों तथा शैक्षणिक संस्थानों को मनोचिकित्सा परामर्शदाता प्रदान कराने संबंधी कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। तथापि, मानसिक विकारों के भार को कम करने के लिए भारत सरकार वर्ष 1982 से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) का कार्यान्वयन कर रही है। सरकार मानसिक विकारों/रोगों की जांच, प्रबंधन तथा उपचार हेतु देश में 517 जिलों में एनएमएचपी के तहत डीएमएचपी के कार्यान्वयन का समर्थन करती है। देश में योग्य मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेशनलों की गंभीर कमी की समस्या के समाधान हेतु सरकार, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) के तहत मानसिक स्वास्थ्य स्पेशलिटीज में स्नातकोत्तर (पीजी) विभागों की स्थापना/सुदृढ़ीकरण तथा उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना हेतु जन शक्ति संवर्धन योजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है। आज तक देश में मानसिक स्वास्थ्य स्पेशलिटीज में 46 स्नातकोत्तर (पीजी) विभागों के सुदृढ़ीकरण तथा 23 उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना हेतु सहयोग प्रदान किया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान जैसे-आत्महत्या निवारण सेवा, कार्य स्थल तनाव प्रबंधन, जीवन कौशल प्रशिक्षण तथा स्कूलों/कॉलेजों से परामर्श आदि को शामिल करने के लिए डीएमपीएच का पुन: गठन किया गया। सूचना, शिक्षा तथा संप्रेषण गतिविधियों (आईईसी) हेतु केन्द्रीय/राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकारियों, अनुसंधान तथा प्रशिक्षण हेतु सहयोग प्रदान कराया जाता है।