भारत बॉन्ड ईटीएफ देश में पहले कार्पोरेट बॉन्ड ईटीएफ होगा।

भारत बॉन्ड ईटीएफ देश में पहले कार्पोरेट बॉन्ड ईटीएफ होगा।

भारत बॉन्ड ईटीएफ की विशेषताएं

  • ईटीएफ सीपीएसई/सीपीएसयू/सीपीएफआई/दूसरे सरकारी संगठनों के बॉन्ड (शुरुआत में सभी एएए बॉन्ड ) के बॉन्डस की बास्केट होगा।
  • विनिमय पर व्यापार योग्य
  • 1,000 रुपये की छोटी ईकाई।
  • पारदर्शी एनएवी (दिनभर एनएवी का सामयिक लाइव)
  • पारदर्शी पोर्टफोलियो (वेबसाइट पर रोजाना प्रकाशन)

Ø कम लागत (0.0005%)

भारत बॉन्ड ईटीएफ का ढांचाः

  • प्रत्येक ईटीएफ की एक निर्धारित परिपक्वता तिथि होगी।
  • ईटीएफ जोखिम पुनरावृत्ति के आधार पर बुनियादी सूचकांक पर नजर रखेगा यानी क्रेडिट गुणवत्ता और सूचकांक की औसत परिपक्वता का मिलान करेगा।
  • सीपीएसई, सीपीएसयू, सीपीएफआई अथवा दूसरे सरकारी संगठनों के बॉन्ड्स के ऐसे पोर्टफोलियो में निवेश करेगा, जो ईटीएफ की परिपक्वता अवधि से पहले अथवा उसी समय परिपक्व होंगे।

Ø अभी तक इसमें दो परिपक्वता श्रेणियां हैतीन एवं 10 वर्ष। प्रत्येक श्रेणी में उसी परिपक्वता श्रेणी का एक अलग सूचकांक होगा

सूचकांक की कार्यप्रणालीः

  • सूचकांक का निर्माण एक स्वतंत्र सूचकांक प्रदाताराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज - द्वारा किया जाएगा

Ø विशिष्ट परिपक्वता वर्षों – 3 एवं 10 वर्ष को ट्रैक करने वाले विभिन्न सूचकांक।      निवेशकों कोत बॉन्ड ईटीएफ का लाभः

  • बॉन्ड ईटीएफ सुरक्षा (सीपीएसई और दूसरी सरकारी संस्थाओं द्वारा जारी किए गए खास बॉन्ड), नकदी (विनिमय पर व्यापार योग्य) और अनुमानित कर कुशल रिटर्न उपलब्ध कराएगा।
  • यह खुदरा निवेशकों को कम राशि के बॉन्ड्स (1,000 रुपये तक) में पहुंच उपलब्ध कराएगा, जिससे बॉन्ड बाजारों में आसान और कम लागत वाली पहुंच मिल सके।
  • यह खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ाएगा, जो नकदी और पहुंच में बाधाओं के चलते बॉन्ड बाजारों में भागीदारी नहीं करते हैं।
  • कूपन के तौर बॉन्ड की तुलना में मामूली कर की दरों पर बॉन्ड, कर दक्षता लाते हैं। बॉन्ड ईटीएफ सूचीकरण के लाभ के साथ होते हैं, यह निवेशकों को होने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स में काफी कमी लाता है।
  • बॉन्ड ईटीएफ सीपीएसई, सीपीएसयू, सीपीएफआई और दूसरे सरकारी संगठनों को अपनी कर्ज की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकिंग वित्त व्यवस्था से अलग एक अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध कराता है।
  • यह खुदरा और एचएनआई भागीदारी के जरिये उनके निवेशकों का आधार बढ़ाता है, जिससे उनके बॉन्ड की मांग बढ़ सकती है। बॉन्ड की मांग बढ़ने के साथ इसके जारीकर्ता कम लागत पर उधार लेने में सक्षम हो सकते हैं, जिससे एक नियत समयावधि के लिए उधार लेने की उनकी लागत कम हो जाती है।
  • विनिमय पर व्यापार से बॉन्ड ईटीएफ बुनियादी बॉन्ड्स के लिए बेहतर कीमत का पता लगाने में मदद करेगा।
  • चूंकि सीपीएसई की उधार की जरूरतों का आकलन करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक व्यापक ऋण कैलेंडर तैयार और अनुमोदित किया जाएगा, यह कम से कम इस निवेश की सीमा तक सीपीएसई में उधार अनुशासन को विकसित करेगा।
  • नियत लक्ष्य वाले परिपक्वता बॉन्ड ईटीएफ से समूचे कैंलेडर वर्ष में विभिन्न परिपक्वताओं के साथ एक मुनाफा श्रेणी और बॉन्ड ईटीएफ का सोपान बनने की उम्मीद है।
  • ईटीएफ से भारत में नए बॉन्ड ईटीएफ को लेकर एक नया ईको-सिस्टम यानी पारिस्थितिकी तंत्रमार्केट मेकर्स, सूचकांक प्रदाता एवं निवेशकों में जागरुकता - बनने की उम्मीद है।
  • इससे भारत में बॉन्ड ईटीएफ का दायरा बढ़ने की संभावना है। इससे व्यापक स्तर पर प्रमुख उद्देश्यों - बॉन्ड बाजारों को मजबूत बनाने, खुदरा भागीदारी को बढ़ाने और उधार लेने की लागत को कम करने - को हासिल किया जा सकेगा।

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