- आम बजट में घोषित विश्व की सबसे बड़ी चिकित्सा बीमा योजना कैशलेस होगी और इसमें इलाज खर्च अपनी तरफ से करने के बाद भुगतान के लिए दावा करने की जरूरत नहीं होगी.
- इसके तहत माध्यमिक और उच्चस्तरीय अस्पतालों में भर्ती के खर्च का बीमा होगा.
- इसमें तमाम सरकारी अस्पताल और चुनिंदा निजी अस्पताल शामिल होंगे.
- यह योजना विश्वास और बीमा के मॉडल पर आधारित है.
- बीमा मॉडल होने से जैसे जैसे बीमाधारकों की संख्या बढ़ेगी, प्रीमियम कम होगा.
- शुरुआत :-
- इस योजना की शुरूआत इस साल 2 अक्टूबर से होगी. इसे अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर धन का आवंटन बढ़ाया जाएगा. इन बीमा योजनाओं का प्रीमियम सरकार देगी.
दो हजार करोड़ का बजट
- दो हजार करोड़ रुपये की शुरुआती राशि का आवंटन किया गया है. योजना के लागू होने के बाद जितनी भी राशि की आवश्यकता होगी, वह दी जाएगी.
केंद्र और राज्य मिलकर उठाएंगे बोझ
- इस महत्वाकांक्षी बीमा योजना का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र और 40 प्रतिशत खर्च राज्य वहन करेंगे.
विस्तार से :
इस योजना से देश के 10 करोड़ परिवारों के सेहत को एक सुरक्षा-कवच मिल जाएगा. परिवार का औसत आकार पांच व्यक्तियों का मानें तो स्वास्थ्य संरक्षण योजना से देश के 50 करोड़ लोग अब मान सकते हैं कि अस्पताली उपचार के लिए पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य-बीमा कवर देर-सवेर उन्हें मिल ही जाएगा क्योंकि घोषणा हो चुकी है !
सामाजिक-आर्थिक और जाति-जनगणना में भारत में परिवारों की कुल संख्या तकरीबन 25 करोड़(24.45 करोड़) बताई गई है तो माना जा सकता है देश के सर्वाधिक गरीबों में शुमार 40 फीसद आबादी को अब रोग के उपचार के लिए पहले की तरह घर-संपत्ति बेचनी या गिरवी नहीं रखनी होगी क्योंकि सरकार इसके लिए 'पर्याप्त धनराशि उपलब्ध' कराएगी.