- भारत में घरेलू हिंसा एक बड़ी समस्या है. घर की बात घर के अंदर रखने की आम प्रवृत्ति के बावजूद अलग-अलग रिसर्च और स्टडी से पता चलता है कि अमूमन हर तीसरी विवाहित महिला के साथ पति ने शारीरिक हिंसा की है. कुछ रिसर्च में ये आंकड़ा 50 फीसदी तक है.
- नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक भारत की 28 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने घरेलू हिंसा की शिकायत की है.
- ये हिंसा कई बार मानसिक उत्पीड़न की शक्ल में भी होती है. स्त्री को घर से निकलने की इजाजत न देना या उसे खाना खाने न देना, या उसकी मर्जी के खिलाफ सेक्स करना भी हिंसा के ही फॉर्म हैं. पत्नी को उसकी मर्जी के बगैर छोड़ देना या छोड़ने की धमकी देना भी घरेलू हिंसा है.
- परिवार और खासकर विवाह संस्था के अंदर स्त्रियों के खिलाफ हिंसा का एक नया कारण हाल के सालों में सामने आया है. आंकड़ों से ये बात साबित हो रही है कि अगर पत्नी के पास मकान या जमीन नहीं है, तो उसके खिलाफ हिंसा होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. इसका मतलब ये भी है कि अगर पत्नी के पास मकान और जमीन है, तो उसके खिलाफ हिंसा या तो नहीं होगी या कम होगी.