- झूठी शान के नाम पर होने वाली हत्याओं यानी ऑनर किलिंग्स पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब दो वयस्क शादी कर रहे हों तो किसी तीसरे को इस पर बोलने का अधिकार नहीं है।
- यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को पूरी सुरक्षा भी मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'चाहें पैरंट्स हों, समाज हो या फिर कोई और हो, कोई भी ऐसे मामले में दखल नहीं दे सकता। कोई भी व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर शादी में दखल देने का अधिकार नहीं रखता।'
- गैर-लाभकारी संगठन शक्ति वाहिनी ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर खाप पंचायत जैसी स्वयंभू अदालतों पर रोक लगाने की मांग की है।
शक्ति वाहिनी ने अपनी याचिका में कहा कि मध्य काल के अपनी कथित परंपराओं की रक्षा के नाम पर प्रेमी युगलों की हत्या नहीं की जा सकती है। खाप पंचायतों की तरफ से अदालत में पेश अधिवक्ता ने कहा, 'हम इस तरह की हत्याओं के खिलाफ हैं।'
अदालत ने कहा, 'हमें खाप पंचायतों के अधिकारों की चिंता नही है। हमें सिर्फ शादी करने वाले युगलों की चिंता है। शादी चाहे अच्छी हो या फिर बुरी, हमें उससे बाहर ही रहना चाहिए।'
शादी को गैरकानूनी घोषित करने का हक कोर्ट को
- सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई दो बालिग शादी कर भी लेते हैं, जो रिश्ते के तय नियम से परे है तो उसे अमान्य घोषित करने का हक सिर्फ कानून को है। खाप पंचायत या पैरेंट्स ऐसे जोड़े के खिलाफ हिंसा नहीं कर सकते।
सरकार ने खाप पंचायतों को बैन नहीं किया तो कोर्ट एक्शन लेगी
- सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इस पिटीशन पर सुनवाई के दौरान कहा था कि कोई पंचायत, खाप पंचायत, पैरेंट्स, सोसायटी या कोई शख्स इस पर सवाल नहीं कर सकता।
- कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार खाप पंचायतों पर बैन नहीं लगाती तो कोर्ट एक्शन लेगा।