विटामिन (VITAMIN)

विटामिन वे रासायनिक तत्त्व है जो हमारे शरीर को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।

  • शरीर में विटामिन की कमी होने से व्यक्ति विभिन्न रोगों का शिकार हो जाता है।
  • वैज्ञानिकों ने अब तक छह प्रकार के विटामिनों की खोज की है।
  • विटामिन -ए (रेटिनॉल)
  • विटामिन  बी (थायेमिन)
  • विटामिन  सी (ऐस्कार्बिक अम्ल)
  • विटामिन-डी ( कैल्सिफेरॉल)
  • विटामिन-ई (टोकोफिरॉल)
  • विटामिन-के ( फिल्लोक्यूनॉन )
  • सभी प्रकार के विटामिनों का स्रोत प्रकृति और प्रकृति प्रदत्त पदार्थ हैं।

विटामिन की खोज (Discovery of Vetamin)

  • 1885 में डच वैज्ञानिक ऐजिकमेन ने चूजों पर किए गए एक प्रयोग से यह जाना कि शरीर में विटामिन नामक महत्त्वपूर्ण रासायनिक तत्त्वों की उपस्थिति होती हैं। 1886 में ऐजिकमेन ने इंडोनेशिया में फैला बेरी-बेरी नामक बीमारी से लोगों को मरते देखा तो वे इसके कारणों की खोज में जुट गए। सभी तत्त्वों का अध्ययन करने के बाद उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि बेरी-बेरी रोग का कारण भोज्य पदार्थों में उन तत्त्वों की कमी होना है जो विटामिन होते हैं। ऐजिकमेन की यह खोज अपूर्ण ही रही , क्योंकि न तो वे विटामिनों का महत्त्व जान पाए और न ही उनके स्रोतों का पता लगा सके।
  • सर एफजी हापकिंस : हापकिंस ने 1912 में यह सिद्ध किया कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए निश्चित मात्रा में विटामिनों की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि कुछ विशेष रोगों का कारण विटामिनों की कमी का होना है और भोजन में विटामिन तत्त्वों वाले पदार्थ देकर इन रोगों को दूर किया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखने वाले इस महत्त्वपूर्ण रासायनिक तत्त्व विटामिन की खोज के लिए ऐजिकमेन हापकिंस 1929 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कृत्रिम स्रोत:

भोजन के अलावा टेबलेटों, कैपसूल और इंजेक्शन के द्वारा भी शरीर में विटामिनों की पूर्ति की जा सकती है।

विटामिन

क्षेष्ठ स्रोत

भूमिका

कमी से  होने वाली बीमारी

विटामिन ए

बटर, गाजर, दूध, टमाटर

यह आंख के रेटिना, सरीखी शरीर की झिल्लियों, फ़ेफ़डों के अस्तर और पाचक-तंत्र प्रणाली के लिए आवश्यक है।

रतौंधी

थायामिन बी

दूध, मीट, ब्रेड

यह कार्बोहाइड्रेट के ज्वलन को सुनिशचित करता है।

बेरी-बेरी (इसमें मसल्स व नर्व कमजोर हो जाती  है)

विटामिन ‘सी’

संतरा, टमाटर, फूल गोभी, मौसमी, आंवला

हडिडयों, दांत, और ऊतकों के रख-रखाव के लिए आवश्यक है।

मसूड़ों से खून निकलना, जोड़ों में सूजन

विटामिन ‘डी’

दूध, अंडा, खाना पकाने वाला तेल , बदन में धूप सेकने से कुछ एक विटामिन त्वचा में भी पैदा हो सकते है।

रक्त में कैल्सियम का स्तर बनाए रखने और हडिडयों के संवर्द्ध के लिए आवश्यक है।

रिकेट( हड्डी व दांत कमजोर हो जाते हैं) व आटोमैलेशिया।

विटामिन ‘ई’

वनस्पति तेल और अनेक दूसरे खाघ पदार्थ

वसीय तत्त्वों से निपटने वाले ऊतकों तथा कोशिका झिल्ली की रचना के लिए जरुरी है।

एनिमीया (anemia), न्युरोलोजीकल (neurological) समस्या), प्रजनन शक्ति का कम हो जाना

विटामिन-के

गोस्त, गोस्त के लिए पाली गईं मुर्गियों में, दुग्ध उत्पादों में

शरीर में केल्शियम के स्तर को सामान्य बनाए रखने में

रुधिर का थक्का देर से जमना।

 

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download