एफडीआई की शर्तें उदार होगी सिंगल ब्रांड रिटेल में

- सरकार बड़ी संख्या में ग्लोबल कंपनियों को आकर्षित करने के मकसद से सिंगल ब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के नियमों को आसान बनाने की तैयारी कर रही है। सरकार इस सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआइ निवेश को मंजूरी दे सकती है।

- मौजूदा नियम के मुताबिक इस सेक्टर में 49 फीसद तक एफडीआइ के लिए आटोमेटिक रूट खुला है। जबकि इससे ज्यादा निवेश के लिए सरकारी अनुमति लेनी होती है। इस सेक्टर में निवेश के लिए शर्त है कि कंपनी के स्टोर में सभी उत्पाद एक ही ब्रांड के होने चाहिए। कंपनी के सारे उत्पादन पूरी दुनिया में एक ही ब्रांड के तहत बिकने चाहिए।

- सरकार एक प्रस्ताव के तहत इस सेक्टर में आटोमेटिक रूट से 100 फीसद विदेशी निवेश की अनुमति होगी। 30 फीसद स्थानीय खरीद संबंधी शर्त में रियायत देने के प्रस्ताव पर वित्त, उद्योग और वाणिज्य मंत्रालयों के बीच बातचीत हो रही है।

- मौजूदा नियम के अनुसार 51 फीसद से ज्यादा एफडीआइ होने पर तीस फीसद मूल्यों के उत्पाद घरेलू निर्माताओं खासकर छोटे व मझोले उद्योगों से खरीदने की बाध्यता है।

- यह प्रस्ताव खासा महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए नीति आसान बनाना चाहती है। सरकार का मानना है कि आसान शर्तों से सिंगल ब्रांड रिटेल सेक्टर में काफी एफडीआइ आ सकता है।

- पिछले साल सरकार ने निर्णय किया था कि नई तकनीक लाने वाले विदेशी निवेशकों को 30 फीसद घरेलू खरीद की शर्त पूरी करने के लिए तीन साल की मोहलत दी जाएगी। सरकार ने सबसे पहले फरवरी 2006 में सिंगल ब्रांड रिटेल में 51 फीसद निवेश की अनुमति दी थी। इससे 2014-15 तक 13.5 करोड़ डॉलर विदेशी निवेश किया गया।

 

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