#Navbharat_times
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में घटकर 5.7 प्रतिशत (India’s economic growth unexpectedly slowed to 5.7% in the June quarter) पर आ गई है। यह इसका तीन साल का निचला स्तर है। यह लगातार दूसरी तिमाही है जबकि भारत की जीडीपी ग्रोथ चीन से पीछे रही है। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में सुस्ती के बीच नोटबंदी का असर कायम रहने से जीडीपी की वृद्धि दर कम रही है। चीन ने जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून तिमाहियों में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इससे पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी।
- मुख्य रुप से कच्चे तेल, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक और सीमेंट उत्पादन में गिरावट से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटी है।
- नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी को लेकर अनिश्चितता की वजह से कार, एफएमसीजी और परिधान कंपनियों का ध्यान अपना स्टॉक निकालने पर था।
- पिछले साल नवंबर में नोटबंदी से जनवरी मार्च तिमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं और जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.1 प्रतिशत पर आ गई। जून तिमाही में यह और घटकर 5.7 प्रतिशत पर रह गई। मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने जीएसटी से पहले स्टॉक घटने को जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट की प्रमुख वजह बताया है।
- कंपनियों को नई व्यवस्था के अनुरुप अपने मौजूदा स्टॉक की नए सिरे से लेबलिंग करनी पड़ी।