- देश में एक जुलाई, 2017 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की दिशा में जीएसटी काउंसिल ने एक अहम कदम उठाया है। काउंसिल ने केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और इंटीग्रेटेड जीएसटी (आइजीएसटी) के विधेयकों के मसौदों पर मुहर लगा दी।
- इसके बाद सरकार जीएसटी के लिए जरूरी चारों विधेयकों- सीजीएसटी, आइजीएसटी, यूटीजीएसटी और क्षतिपूर्ति विधेयकों को एक साथ कैबिनेट से मंजूरी दिलाएगी।
- फिर वह संसद में पेशकर पारित कराने की कोशिश करेगी। वहीं, इसके साथ-साथ राज्यों की विधानसभाएं भी एसजीएसटी को पारित कर सकेंगी।
- केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 11वीं बैठक में आइजीएसटी व सीजीएसटी विधेयकों के मसौदे पर मुहर लगाई गई।
- क्षतिपूर्ति विधेयक के प्रावधानों को काउंसिल की उदयपुर में हुई 10वीं बैठक में पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। जीएसटी लागू होने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सर्विस टैक्स व वैट सहित केंद्र और राज्यों के कई अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे।
- काउंसिल ने जीएसटी मॉडल विधेयक में जीएसटी की अधिकतम दर 40 प्रतिशत (20 फीसद केंद्रीय जीएसटी और 20 प्रतिशत राज्य जीएसटी) तय करने के प्रावधान को भी मंजूरी दी।
- हालांकि जीएसटी के मौजूदा 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत वाले स्लैब रेट बरकरार रहेंगे। काउंसिल ने जो भी जीएसटी की दरें तय की हैं, उससे अधिक दर नहीं होगी। हालांकि सरकार कर की दर बढ़ाने की गुंजाइश बनाए रखने के लिए हमेशा ही अधिकतम दर को थोड़ा ऊपर रखती है।
- फिलहाल कस्टम कानून में भी ऐसा ही है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि जीएसटी की अधिकतम दरों के संबंध में बार-बार संसद के पास न जाना पड़े।
- साथ ही राज्यों को संभावित राजस्व क्षति की भरपाई के लिए जो सेस लगाए जा रहे हैं, उन्हें भी आगे चलकर जीएसटी की दरों के साथ समाहित करने की गुंजाइश भी बनी रहेगी।
- सरकार ने उम्मीद जताई कि जीएसटी पहली जुलाई से लागू हो जाएगा।
- काउंसिल के अधिकारियों की एक समिति राज्य जीएसटी और यूटीजीएसटी विधेयकों को आने वाले दिनों में अंतिम रूप दे देगी। इसके बाद काउंसिल की 12वीं बैठक में उन पर मुहर लगाई जा सकेगी।
- इसके बाद अधिकारियों की समिति विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी की प्रस्तावित दरों 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की श्रोणी में रखने का फैसला करेगी।