अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बहु-प्रतीक्षित कोटा सुधार लागू करने की घोषणा की है जिसे पिछले साल अमेरिकी संसद ने मंजूरी दी थी और इससे भारत तथा चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को ज्यादा मताधिकार मिलेंगे.
- अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष द्वारा किया गया सुधार संस्थान के बेहतर संचालन, गतिशील उभरते बाजारों और विकासशील देशों की बढती भूमिका के संबंध में बडा कदम है.
- इससे संस्थान की विश्वसनीयता, प्रभावशालिता और वैधता को मजबूती मिलेगी.
- पहली बार चारों उभरते बाजार ब्राजील, चीन, भारत और रूस - आईएमएफ के 10 सबसे बडे सदस्यों में शामिल होंगे.
★ सुधार से आईएमएफ की वित्तीय शक्ति और बढेगी और इसका स्थायी पूंजीगत संसाधन दोगुना होकर करीब 659 अरब डालर हो जाएगा.
¤●आईएमएफ के 10 शीर्ष सदस्यों में अमेरिका, जापान और चार सबसे बडे यूरोपीय देश (फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन) शामिल हैं.
■● पहली बार आईएमएफ के निदेशक मंडल में सभी निर्वाचित कार्यकारी निदेशक होंगे जिससे इनकी नियुक्ति की संभावना खत्म हो गयी.
~ फिलहाल सबसे अधिक कोटा वाले सदस्य कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति करते हैं. सात या इससे अधिक सदस्यों वाले बहु-राष्ट्रीय खेमे में दूसरे वैकल्पिक कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति की गुंजाइश बढ गयी ताकि कार्यकारी निदेशक मंडल में इन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो सके.
~ इस तरह फिलहाल अफ्रीकी महाद्वीप के दोनों मतक्षेत्रों को मिलाकर 13 मतक्षेत्र अतिरिक्त वैकल्पिक कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति का अधिकार है.
~ कोटा की 14वीं आम समीक्षा लागू होने के बाद अब ध्यान कोटे की 15वीं आम समीक्षा और नये कोटा फार्मूला समेत आवश्यक व्यापक सहमति बनाने पर होगा.
● निदेशक मंडल सुधार संशोधन लागू होने और अन्य शर्तों के पूरा होने पर सदस्य अब अपने बढे कोटे के लिए भुगतान कर सकते हैं ताकि इसकी प्रभावशालिता बढे. यह प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है.
- मुख्य रूप से अमरीका तथा यूरोप के विकसित देशों के दबदबे वाले आईएमएफ में सुधार की मांग लंबे समय से चल रही थी ।
- वर्ष 2010 में इस आशय का एक प्रस्ताव भी पेश हुआ, लेकिन सबसे बड़े वोटिंग अधिकार और कोटा वाले देश अमरीकी संसद द्वारा मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह सुधार लागू नहीं हो पा रहा था ।
- प्रशासनिक सुधारों के कारण अब 24 सदस्यीय आईएमएफ बोर्ड का प्रदर्शन पहले से बेहतर होने की उम्मीद है। पहली बार इसके सभी कार्यकारी निदेशक चयनित होंगे । इससे पहले कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति पांच सबसे बड़े सदस्य देशों द्वारा की जाती थी।