नई अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा : एक मूल्यांकन

- अक्टूबर 2015 में विश्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा को मौजूदा 1.25 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से बढ़ाकर 1.90 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन कर दिया. 
इस पृष्ठभूमि में विश्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा और उसमें संशोधन से संबंधित कुछ प्रासंगिक सवाल को समझाने प्रयास किया है.

=>विश्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा को अपडेट करने का फैसला क्यों किया और अब क्यों किया ?

- चूंकि दुनिया भर में जीवन यापन की लागत में अंतर है, वैश्विक गरीबी रेखा को इन परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करने के लिए इसमें समयसमय पर इसका मूल्यांकन तथा इसको अपडेट किए जाने की जरूरत है. अंतिम अपडेट वर्ष 2008 से 1.25 अमेरिकी डॉलर को वैश्विक रेखा के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. अक्टूबर 2015 की स्थिति के अनुसार नई वैश्विक गरीबी रेखा को 1.90 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन के लिए अपडेट किया जाएगा.

=>नई गरीबी रेखा क्या है और इस नए पैमाने पर दुनिया में कितने लोग चरम गरीबी में जीवन बसर कर रहे हैं?

- 2011 के मूल्यों का उपयोग करते हुए नई वैश्विक गरीबी रेखा को 1.90 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन निर्धारित किया गया है. वर्ष 2012 में दुनिया भर में इस रेखा के भीतर 900 मिलियन लोगों से थोड़े से ही अधिक लोग रहते थे ( नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित) और अनुमान के अनुसार 2015 में 700 मिलियन से थोड़े से अधिक लोग चरम गरीबी में जी रहे हैं.

गरीबी रेखा को क्यों बढ़ाया गया? हम जिस 1.25 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन के आदि हो गए थे उसमें क्या बुराई थी?

चूंकि दुनिया भर में जीवन यापन की लागत में अंतर है, वैश्विक गरीबी रेखा को इन परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करने के लिए इसमें समयसमय पर अद्यतन किए जाने की जरूरत है. नई वैश्विक गरीबी रेखा में दुनिया भर में खाना, कपड़ा और आवास की जरूरतों की मूल लागत की सटीक तस्वीर पेश करने के लिए अपडेट किए गए मूल्य आंकड़ों का उपयोग किया गया है. दूसरे शब्दों में आज के मूल्य में 1.90 अमेरिकी डॉलर का वास्तविक मान 2005 में 1.25 अमेरिकी डॉलर के समान ही है.

 

=>वैश्विक गरीबी रेखा में संशोधन कैसे होता है?

- 1990 में स्वतंत्र अनुसंधानकर्ताओं का एक समूह और विश्व बैंक ने दुनिया के सबसे गरीब देशों के मानकों का उपयोग करते हुए दुनिया के गरीबों को मापने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने दुनिया के कुछ सबसे गरीब देशों की राष्ट्रीय गरीबी रेखा की जांच की और इन्हें क्रयशक्ति समता (पीपीपी) विनिमय दरों का उपयोग कर आम मुद्रा में बदल दिया. 
पीपीपी विनिमय दर वस्तुओं और सेवाओँ की समान मात्रा अलगअलग देशों में समान मूल्यों पर रहें,को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है. जब इन्हें आम मुद्रा में बदल दिया तो पाया कि इनमें से छह सबसे गरीब देशों मे राष्ट्रीय गरीबी रेखा का मान करीब 1 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन प्रति व्यक्ति था और इसने ही पहला एक डॉलर एक दिन (डॉलरडे) अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा का आधार तैयार किया. वर्ष 2005 में एकत्र किए गए अंतरराष्ट्रीय तुलनीय कीमतों की बड़ी मात्रा और नए दौर के बाद अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा को दुनिया के कुछ सबसे गरीब देशों से लिए गए 15 राष्ट्रीय गरीबी रेखाओं के आधार पर संशोधित किया गया था. इन 15 रेखाओं का औसत 1.25 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति प्रति दिन (फिर से पीपीपी के संदर्भ में) था और यह 2008 के बाद से संशोधित अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा बन गया. इसी प्रकार 2015 में 2005 के 15 सबसे गरीब देशों की गरीबी रेखाओं (जिन मानदंडों के आधार पर हमने मापा था, का पालन करते हुए) का उपयोग हमने 2011 पीपीपी आधार पर नई वैश्विक गरीबी रेखा 1.90 डॉलर निर्धारित करने में की.

=>क्रय शक्ति समता (पीपीपी) क्या है और इसका निर्धारण कैसे किया जाता है?

- वैश्विक तुलनीय संदर्भ में पीपीपी हमें प्रत्येक देश की आमदनी और उपभोग आंकड़ा (consumption data) को रखने की अनुमति देता है. पीपीपी की गणना दुनिया भर से लिए गए मूल्य आंकड़ों के आधार पर की जाती है और किसी वर्ष विशेष के पीपीपी निर्धारण की जिम्मेदारी विश्व बैंक के विकास आंकड़ा समूह के वैश्विक कार्यालय के स्वतंत्र सांख्यिकीय कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम (आईसीपी) की होती है.

=>अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा में संशोधन का क्या महत्व है?

- वैश्विक गरीबी रेखा का उपयोग मुख्य रूप से वैश्विक चरम गरीबी और विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य विकास भागीदारों द्वारा निर्धारित वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में हुई प्रगति को ट्रैक करने के लिए किया जाता है. देश की गरीबी रेखा सहायता मुहैया कराने वाली नीति वार्ता या गरीबों तक लक्षित कार्यक्रमों की पहुंच के लिए कहीं अधिक उपयुक्त है. उदाहरण के लिए एक मध्यमआमदनी वाले देश में जहां राष्ट्रीय गरीबी रेखा 4 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन की है, में वैश्विक गरीबी 1.65 अमेरिकी डॉलर या ऐसी ही गरीबी रेखा वाले गरीब देश की तुलना में कम प्रासंगिक हो सकता है.

=>वैश्विक गरीबी रेखा का अपडेट अब कब होगा?

- अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा में संशोधन वैश्विक गरीबी आयोग द्वारा अप्रैल 2016 में सिफारिशें दिए जाने के बाद किया जाएगा.

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