- आजादी के बाद जिस तरह से देश में सड़कों का जाल फैला है, वैसा विस्तार रेलवे का नहीं हुआ। यह बात नीति आयोग की एक रिपोर्ट में मुख्यता से उठाई गयी है।
- नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे से कहा है कि वह राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की तरह देश के कोने-कोने तक रेल लाइनों का जाल फैलाने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करे।
- आयोग ने कहा है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी पूर्वोत्तर तथा ओडिशा के अनेक इलाकों में रेल लाइन नहीं पहुंची है। लिहाजा हमें रेलवे में भी राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) जैसी योजनाओं की जरूरत है।
- उल्लेखनीय है कि एनएचडीपी तथा पीएमजीएसवाई की शुरुआत वर्ष 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान की गई थी। आयोग ने कहा कि जब तक हम देश के सभी जिलों में रेल नेटवर्क के विस्तार की योजना नहीं बनाते और इसे राष्ट्रीय प्राथमिकता में नहीं लाते तब तक देश के सभी लोगों को किफायती, सुगम और पर्यावरण अनुकूल यातायात सुविधा का लाभ नहीं मिल सकता।
- नीति आयोग इस योजना को रेलवे की सामान्य योजना से एकदम अलग रखने के पक्ष में है। ठीक वैसे ही जैसे एनएचडीपी को पीडब्ल्यूडी और एनएचएआइ द्वारा बनाई जाने वाली सामान्य सड़क योजनाओं से एकदम अलग रखा गया है।
- - यही नहीं, आयोग रेलवे के यात्री यातायात में बढ़ोतरी किए जाने तथा एयरलाइनों के साथ मुकाबला किए जाने के पक्ष में भी है। ताकि संपन्न वर्ग के लोगों को प्रतिस्पर्द्धी दरों पर आरामदेह यात्रा की सुविधा दी जा सके। लंबे अरसे से रेलवे के यात्री यातायात में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
क्या है एनएचडीपी और पीएमजीएसवाई
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) के तहत कुल चार, छह और आठ लेन के 46,635 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की योजना बनाई जा चुकी है। इसमें से 25,726 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण हो चुका है, जबकि 10767 किलोमीटर सड़कें निर्माणाधीन हैं।
इसी तरह प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत शामिल 1,58,891 गांवों में से 84,414 गांवों को जोड़ने के लक्षित 3,67,693 किलोमीटर में से 2,09,570 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। जबकि 3,74,844 किलोमीटर पुरानी सड़कों में से 1,40,930 किलोमीटर सड़कों का उच्चीकरण किया जा चुका है। इस समय पीमजीएसवाई के तहत रोजाना औसतन लगभग 133 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो रहा है।