स्टार्टअप क्रांति : स्‍टार्टअप का नया हब बनता भारत

नौकरी अब पुराना फैशन हो गई है और नौजवान हिंदुस्तान अब स्टार्टअप नेशन बनना चाहता है। भारत में स्टार्टअप सालाना 270 फीसदी के रेट से बढ़ रहे हैं। हर महीने 500 से 800 नए स्टार्टअप शुरू होते हैं। और उम्मीद है कि अगले 5 साल में ये स्टार्टअप्स करीब 3 लाख नौकरियां खड़ी कर देंगें।

"क्या हैं स्टार्ट अप?
- यह सवाल किसी के भी मन में उठ सकता है कि स्टार्टअप दरअसल क्या बला है? स्टार्टअप दरअसल उन कारोबार को कहते हैं जिसे नये उद्यमी छोटे पैमाने पर शुरू करते हैं लेकिन जिनके लक्ष्य बड़े होते हैं.

- ऐसे सबसे अधिक कारोबार इन दिनों ऑनलाइन ही हो रहे हैं. चूंकि सन 1997 के बाद आई डॉटकॉम क्रांति ने इनको जन्म दिया है इसलिए स्टार्ट और 
ई- कॉमर्स एक दूसरे के पर्यायवाची हो गये हैं. 
०-० ये दरअसल सॉल्यूशन बेस्ड वे इन्नोवेशन हैं जिनके जरिये या तो नया कारोबार शुरू किया जाता है या पुराने कारोबार को गति दी जाती है.

०-० आसान शब्दों में कहें तो... स्टार्टअप का मतलब है एक नए अंदाज का बिजनेस। इसका सीधा सम्बन्ध क्रिएटिविटी से हैI

डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे मिशन हों या भारत की ग्रोथ स्टोरी, इन्हें सफल बनाने का रास्ता इसी नई दुनिया से गुजरता है।

=>कैसे जुटा सकते है स्टार्टअप कैपिटल?

०-० पूंजी यानी कैपिटल किसी भी स्टार्टअप के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि गाड़ी को चलाने के लिऐ पेट्रोल. लेकिन नये स्टार्टअप के लिए पूंजी जुटाना आसान नहीं होता. 
- किसी निवेशक को अपने स्टार्टअप में पैसा लगाने के लिए मनाना आसान काम नहीं है. ऐसे में एंजेल इन्वेस्टर उनके काम आते हैं.

०-० एंजेल इन्वेस्टर :-> ये वे इन्वेस्टर हैं जो नये और रिस्की स्टार्ट अप में बिना किसी सिक्योरिटी के अपना पैसा लगाते हैं और बदले में उसमें हिस्सेदारी लेते हैं या उसके सफल होने पर अपने लिये अच्छा प्रॉफिट मांगते हैं.

- स्टार्टअप शुरू करने के लिए शुरुआती बजट 10 लाख रुपए से लेकर 100 करोड़ तक हो सकता है। अगर आपका आइडिया बेस्ट है, तो आपको फंडिंग करने वाले लोग भी मिल जाएंगे। देश के बड़े बिजनेसमैन से लेकर वेंचर कैपिटलिस्ट तक आपके स्टार्टअप में पैसा लगाते हैं।

- इन सभी से फंड जुटाने के लिए आपको बिजनेस का पूरा प्लान और स्ट्रैटेजी बतानी होगी। कोई भी व्यक्ति आपके स्टार्टअप में इन्वेस्ट करने से पहले आपका पोटेंशियल जांचता है।

- एंजल इन्वेस्टर, फॉरेन इन्वेस्टर, विदेशी कंपनियां, बड़े बिजनेसमैन और जमे-जमाए स्टार्टअप भी आपको फंडिंग कर सकते हैं।

०-० इसका बड़ा उदाहरण हैं, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा। रतन टाटा अब तक 15 से ज्यादा स्टार्टअप में इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं।

=> इन सेक्टर्स में शुरू किया जा सकता है स्टार्टअप:-
- एजुकेशन, ई-कॉमर्स, ट्रांसपोर्टेशन सॉल्यूशन, हेल्थकेयर, फाइनेंस, मोबाइल सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज, ऑन डिमांड सर्विसेज आदि।

=>स्टार्टअप क्यों?
- इसलिये क्योंकि स्टार्टअप शुरू करने के लिए आपको किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं होती. 
०-० अगर आप इंटरनेट सेवी हैं, सॉफ्टवेयर, यूजर इंटरफेस में आपका दखल है और आपको वेब डेवलपिंग का काम आता है और आपके पास अच्छा विजन है तो आप अपना स्टार्टअप आसानी से शुरू कर सकते हैं. 
०-० इनमें भी बाकी कामों के लिये तो आप लोगों को अपने साथ जोड़ सकते हैं लेकिन सबसे जरूरी हैं इनोवेटिव आइडिया क्योंकि अगर वह है तो आप एक सफल स्टार्टअप चला सकते हैं.

=>स्टार्टअप का बेहतर समय :-
- माना जा रहा है कि भारत में अभी स्‍टार्टअप शुरू करने का बेहतर समय है। दुनिया तेजी से बदल रही है। सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है। 
- आपका एक अच्छा आइडिया न सिर्फ बदलाव की वजह बन सकता है, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार का अवसर बन सकता है। 
- भारत में स्नैपडील, पेटीएम, फ्लिपकार्ट, ओयो रूम्स और ओला इसके उदाहरण हैं।

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