- पंचवर्षीय योजनाएं बंद करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार अब इसकी जगह तीन वर्षीय कार्ययोजना शुरू करने की तैयारी कर रही है।
- पहली त्रिवर्षीय कार्ययोजना अगले वित्त वर्ष 2017-18 से लागू होगी और 2019-20 तक चलेगी।
- आगामी आम बजट पर इसकी छाप देखने को मिलेगी। यह बजट एक फरवरी को आएगा।
- नीति आयोग ने त्रिवर्षीय कार्ययोजना तैयार कर ली है। जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा। इसमें किसानों की आय दोगुनी करने, खेती की स्थिति सुधारने और देश में मैन्यूफैक्चरिंग के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने को प्राथमिकता दी गई है।
- साथ ही, इसमें पहली बार देश की सामरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी मध्यावधि रणनीति पेश की गई है। इस तीन वर्षीय योजना के सार बिन्दुओं को आम बजट में जगह मिलेगी। इससे आने वाले वर्षों में देश के विकास की दिशा भी तय होगी।
=>यह कार्ययोजना वित्त वर्ष 2017-18 से
- पहले बजटीय आवंटन पंचवर्षीय योजना के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किया जाता था। अब यह त्रिवर्षीय कार्ययोजना को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
- इस बार के बजट में एक खासियत यह भी होगी कि विभिन्न मदों में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आवंटन के साथ-साथ आने वाले दो वित्त वर्षों के लिए भी सांकेतिक आवंटन किया जाएगा।
- इससे मध्यावधि में सरकार के खर्च की दिशा स्पष्ट हो सकेगी। मोदी सरकार ने नेहरूयुगीन योजना आयोग को बंद करने के बाद देश में पंचवर्षीय योजनाओं की प्रक्रिया को भी खत्म करने का फैसला किया है।
- फिलहाल 12वीं पंचवर्षीय योजना चल रही है। यह 31 मार्च, 2017 को समाप्त हो जाएगी। इसके बाद नई पंचवर्षीय योजना नहीं आएगी।
- इसलिए एक अप्रैल, 2017 से यह त्रिवर्षीय कार्ययोजना ही लागू होगी। साथ ही आयोग सात वर्षीय रणनीतिक दस्तावेज और 15 वर्षीय विजन दस्तावेज भी तैयार करेगा।
- माना जा रहा है कि इन दस्तावेजों को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल मंजूरी देगी। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। राज्यों के मुख्यमंत्री इसमें बतौर सदस्य शामिल हैं।