- विश्वबैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार विदेशों से मनीऑर्डर के जरिये धन प्राप्त करने के मामले में भारत वर्ष 2015 में भी सबसे ऊपर रहा
- हालांकि वर्ष के दौरान इस स्नेत से प्राप्त रकम करीब एक अरब डॉलर कम रही।
- 2009 के बाद यह पहली गिरावट है।
- भारत को रेमिटेंस के रूप में 2015 में करीब 69 अरब डॉलर की राशि मिली
- रेमिटेंस में बड़ी राशि प्राप्त करने वाले देशों में 64 अरब डॉलर के साथ चीन, फिलीपींस (28 अरब डॉलर), मेक्सिको (25 अरब डॉलर) और नाइजीरिया (21 अरब डॉलर) शामिल हैं।
- विकासशील देशों को आधिकारिक रूप से विदेश से मिली रेमिटेंस की राशि 2015 में 431.6 अरब डॉलर रही
कमी का कारण
- खाड़ी देशों से अपनों को भेजे जाने वाली रकम पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
- इसके अलावा जिन प्रमुख देशों से पैसे भेजे जाते हैं, उनकी मुद्राओं (मसलन यूरो, कनाडाई डॉलर, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर) की विनिमय दर में अमेरिकी डॉलर की तुलना में गिरावट की भी भूमिका ।
क्यों महत्वपूर्ण है रेमिटेंस
- रेमिटेंस लाखों परिवारों की आय का स्थायी स्रोत है।
- विकासशील देशों की विनिमय दरों के लिए भी यह महत्वपूर्ण है।
विदेश से अपने मुल्क में पैसा भेजने व इस तरह से प्राप्त होने वाली राशि को रेमिटेंस कहते हैं। |