वर्तमान वैश्विक मंदी के मुख्य कारण है....
1. चीन की अर्थव्यवस्था में आया हुआ स्थगन /मंदी कई देशों के लिए संकट पैदा कर रहा है।
- चीन अब तक अमरीका की तरह विश्व के आर्थिक विकास में इंजन की तरह काम कर रहा था। इस देश में आर्थिक स्थगन से सबसे अधिक नुकसान उन देशों को हुआ है जो चीन को कच्चा माल निर्यात करते थे।
- फिलहाल चीन के औद्योगिक तंत्र में क्षमता बहुत है, मगर उनके उत्पादनों को बाजार नहीं मिल रहा है इसलिए उत्पादन कम हो रहा है और कच्चे माल की मांग कम हो रही है।
- इन उद्योगों में, विशेषकर स्टील में, चीन ने बहुत बड़ा निवेश कर रखा था। दुनिया में स्टील की मांग कम होने से कच्चे लोहे के उत्पादक देशों पर भारी बोझ पड़ा है।
2. चीन की आर्थिक प्रगति मुख्यत: निर्यात पर निर्भर है। निर्यात में कमी आने से वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और अन्य देशों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
- चीन में कच्चे माल की मांग में कमी उस समय आई है जब विश्वभर में कच्चे माल का विशेषकर पेट्रोलियम पदार्थों का, भंडार बढ़ता जा रहा है।
- अमरीका में 'शेल' से तेल निकालने की प्रक्रिया तेज होने के बाद विश्व में तेल का उत्पादन बहुत बढ़ गया है जबकि इसके एक मुख्य आयातकर्ता चीन की मांग घट रही है।
- ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाने पर तेल की पूर्ति और भी अधिक बढ़ सकती है क्योंकि ईरान भी कच्चे तेल के निर्यात करने वाले देशों में प्रमुख स्थान रखता है।
3.इस मंदी का तीसरा कारण अमरीका की मौद्रिक नियंत्रक स्थान \'फेडरल रिजर्व\' द्वारा ब्याज में बढ़ोतरी करना है। (Most IMP reason)
- इसके कारण अमरीकन पूंजी जो विकासशील देशों में बड़े पैमाने पर निवेश की जा रही थी, उसे अपने देश के अंदर ही निवेश के लिए अपेक्षाकृत अधिक लाभदायक अवसर प्राप्त हो गए हैं। इन सब कारणों से विश्व के अधिकतर देश मंदी का शिकार बन गए हैं।