नीति आयोग ने देश की इकोनॉमी को नया कलेवर देने की दिशा में काम शुरू कर दिया है.
★ इस योजना के तहत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और लंबी समुद्री सीमाओं का भरपूर इस्तेमाल करते हुए देश को 'ब्लू इकोनॉमी' के तौर पर खड़ा करना है. इसमें डिफेंस और आंतरिक सुरक्षा को जोड़ने के लिए 15 साल के एक विजन पर काम हो रहा है.
★केंद्र सरकार ने पहली बार इन विषयों को अपनी योजनाओं का हिस्सा बनाया है. ताकि इन क्षेत्रों में बेहतर तैयारी के लिए लंबी अवधि की प्लानिंग की जा सके.
★ भारत की समुद्री सीमा 7500 किलोमीटर लंबी है और 20 लाख वर्ग किलोमीटर का EEZ है. इसके अलावा 1300 से ज्यादा आइलैंड हैं और नदियों का बड़ा नेटवर्क भी. ऐसे में भारत इस प्राकृतिक और सामरिक समुद्री क्षेत्र का भरपूर फायदा उठाना चाहता है.
★नीति आयोग की कार्ययोजना में भारतीय नौसेना की मारक क्षमता बढ़ाने की योजना भी शामिल है. ऐसा पहली बार है जब नीति आयोग को डिफेंस सेक्टर की कार्ययोजना तैयार करने का अधिकार मिला है.
★हिंद महासागर का इलाका दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा महासागरीय क्षेत्र है और वैश्विक व्यापार बड़ा हिस्सा इसी क्षेत्र से गुजरता है.
★भारत के कुल व्यापार का 90 फीसदी समुद्री मार्ग से ही होता है. ऐसे में ब्लू इकोनॉमी का दोहन भारत के लिए सामरिक नजरिये से फायदेमंद है.
=>>क्या है ब्लू इकोनॉमी?
साल 2010 में आई गुंटर पॉली की किताब 'The Blue Economy: 10 years, 100 innovations, 100 million jobs' में पहली बार ब्लू इकोनॉमी के कॉन्सेप्ट को महत्व मिला.
1. ब्लू इकोनॉमी के तहत अर्थव्यवस्था समुद्री क्षेत्र पर आधारित होती है. इसमें पर्यावरण की सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए डायनैमिक बिजनेस मॉडल तैयार किए जाते हैं.
2. 'ब्लू ग्रोथ' के जरिये संसाधनों की कमी और कचरे के निपटारे की समस्या का समाधान किए जाने की कोशिश होती है.
3. इसमें टिकाऊ विकास को भी सुनिश्चित किया जाता है जो बड़े पैमाने पर मानव कल्याण की ओर केंद्रित होता है.
4. ब्लू इकोनॉमी के तहत समुद्र भी साफ-सुथरा रहे और बड़े पैमाने पर उत्पादन हो.
5. इस वक्त ब्लू इकोनॉमी के तहत मुख्य फोकस खनिज पदार्थों समेत समुद्री उत्पादों पर है.
6. ब्लू इकोनॉमी का कॉन्सेप्ट कहीं ज्यादा व्यापक है और इसमें नौवहन जैसी समुद्री गतिविधियां भी शामिल हैं.
7. ब्लू इकोनॉकी का ढांचा पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि बड़े-बड़े कारगो सामान समुद्री क्षेत्र में एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जा सकते हैं और वह भी ट्रकों या रेलवे की मदद के बिना. इस एजेंडे के तहत समुद्र में पर्यावरण के अनुकूल इंफ्रास्टक्चर तैयार करना होगा.
★भारत में भूमि अधिग्रहण को लेकर आए दिन बवाल होते रहते हैं, ऐसे में कुछ इंफ्रास्टक्चर को समुद्र की ओर शिफ्ट करना अच्छी आर्थिक और राजनीतिक रणनीति है. यह भारत में मुमकिन भी है.