- पिछले दिनों इटली की एक अदालत का फैसला आने के बाद हेलिकॉप्टर खरीद प्रकरण फिर से चर्चा में आ गया। इतालवी कोर्ट ने फैसला दिया है कि हेलिकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें भारतीय वायुसेना के पूर्व चीफ एसपी त्यागी के परिजन शामिल थे। फैसले में कुछ कांग्रेसी नेताओं का भी जिक्र आया है, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया है सौदे में इनकी क्या भूमिका थी।
★ 2010 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान अगस्ता वेस्तलैंद कंपनी से 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद की डील हुई थी। डील के तहत मिले तीन हेलिकॉप्टर आज भी दिल्ली के पालम एयरबेस पर खड़े हैं। इन्हें इस्तेमाल में नहीं लाया गया।
★ यह सौदा 3,600 करोड़ रुपये का था, जिसका दस फीसदी हिस्सा रिश्वत में देने की बात सामने आई थी। इसके तुरंत बाद यूपीए सरकार ने डील रद्द कर दी और एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया। पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि उनकी सरकार ने इटली के कोर्ट में केस लड़ा और पैसे वापस लिए। सीबीआई जांच के आदेश भी उन्होंने ही दिए।
- इस मामले में आरोपों के छींटे हमारे देश के पूर्व वायुसेना प्रमुख पर भी पड़े हैं। जाहिर है, यह भारतीय सेना पर कलंक का टीका लगाने जैसा है। इसे साफ करके सेना को निष्कलंक रखने की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ सरकार की है।
★सरकार को चाहिए कि सीबीआई जांच तेज करे और सच्चाई सामने लाए। विपक्ष की दलील यह भी है कि 2013 में इस सौदे में अनियमितता की बात सामने आते ही यूपीए सरकार ने अगुस्ता वेस्तलंद को काली सूची में डाल दिया, लेकिन एनडीए गवर्नमेंट ने उसे इस सूची से बाहर निकाल दिया।