- एशिया प्रशांत क्षेत्र में रिश्वत के मामले में भारत शीर्ष पर है। हाल ही में जारी एक सर्वे में कहा गया है कि यहां सार्वजनिक सेवाओं के लिए लोगों को किसी न किसी रूप में रिश्वत देनी पड़ती है।
-अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक अधिकार समूह 'ट्रांसपेरेन्सी इंटरनैशनल' के सर्वे में शामिल 69 फीसदी भारतीयों ने माना कि उन्हें घूस देनी पड़ी है, जबकि वियतनाम के 65 फीसदी, पाकिस्तान के 40 फीसदी और चीन के 26 फीसदी लोगों ने रिश्वत देने की बात कबूली।
- रिश्वत देने के मामले में जापान का रेकॉर्ड सही है, जहां सिर्फ 0.2 फीसदी लोगों ने रिश्वत देने की बात मानी और दक्षिण कोरिया में केवल तीन फीसदी पाई गई। वहीं, चीन में इसकी दर बढ़ती दिख रही है, क्योंकि सर्वे में 73 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उनके देश में रिश्वत का चलन बढ़ा है।
- सर्वे के मुताबिक, रिश्वत के मामले में पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, जापान, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देश भारत से नीचे रहे। भारत रिश्वत के मामले में 7वें पायदान पर रहा।
- इस सर्वे में एशिया प्रशांत क्षेत्र की करीब 90 करोड़ की आबादी वाले 16 देशों के 20 हजार से अधिक लोगों ने माना कि उन्हें पिछले एक साल में कम से कम एक बार तो रिश्वत देनी ही पड़ी। सर्वे में सरकारी कर्मचारियों में पुलिसकर्मी सबसे अधिक भ्रष्ट पाए गए।
- सर्वेक्षण में 85 प्रतिशत ने माना कि पुलिस भ्रष्ट है। धार्मिक नेताओं के मामले में यह प्रतिशत 71 रहा । सर्वेक्षण में केवल 14 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि कोई भी धार्मिक नेता भ्रष्ट नहीं है जबकि 15 प्रतिशत उनके भ्रष्ट तरीकों से वाकिफ नहीं थे ।
- पुलिस के बाद 5 सर्वाधिक भ्रष्ट श्रेणी में सरकारी अधिकारी (84 प्रतिशत), कारोबारी (79 फीसद) , स्थानीय पार्षद (78 प्रतिशत) और सांसद (76 फीसद) रहे जबकि टैक्स ऑफिसर छठे स्थान पर रहे।
- ट्रांसपेरेन्सी इंटरनैशनल के अध्यक्ष जोस उगाज ने कहा, 'सरकारों को अपनी भ्रष्टाचार निरोधक प्रतिबद्धताओं को हकीकत का रूप देने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए। यह समय कहने का नहीं बल्कि करने का है। लाखों की संख्या में लोग लोकसेवकों को रिश्वत देने के लिए बाध्य होते हैं और इस बुराई का सर्वाधिक असर गरीब लोगों पर पड़ता है।