#Business_Standard
A look at surveys
सरकार ने हाल ही में अपना ध्यान रोजगार सृजन की ओर केंद्रित किया है। इस बीच ऐसे कई सर्वेक्षण आए हैं जो देश में रोजगार की स्थिति उजागर करते हैं। सारे सर्वेक्षणों को मिलाकर देखा जाए तो अलग-अलग आंकड़ों के बावजूद इनमें से एक साझा संदेश निकलता है। वह संदेश यह है कि… Read More
#Editorial_Jansatta
Challenge of Job
इसमें तनिक संशय नहीं कि किसी भी देश के युवा के जीवन का सर्वप्रमुख और सर्वप्रथम प्रश्न, उसका जीविकोपार्जन होता है। इसमें अति धनाढ्य वर्ग या उच्च मध्यम वर्ग के युवाओं को अपवादस्वरूप देखा जा सकता है। पर ऐसे युवाओं की संख्या बहुत कम है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि… Read More
निजता को मौलिक अधिकार मानने तथा विशिष्ट पहचान पत्र (Aadhar) से इस अधिकार का हनन होने का दावा करने वाली याचिका पर भले सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आना अभी बाकी हो, केंद्र सरकार ‘आधार’ की धार और तेज करती जा रही है। अंतिम फैसला जब भी आए, न्यायालय कई अंतरिम फैसले दे चुका है। पिछले चार महीनों में… Read More
#Editorial_Jansatta
Impotence of roads for Economy:
Ø किसी भी राष्ट्र में सड़कें, आर्थिक और सामाजिक विकास की धुरी होती हैं। ये न सिर्फ भौतिक वस्तुओं की ढुलाई के लिए सहायक परिपथ तैयार करती हैं, बल्कि नागरिकों को सस्ता और घर-घर पहुंचने-पहुंचाने तक की सेवाएं उपलब्ध कर अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में… Read More
Suicides at Birthplace of Green revolution
पंजाब में पिछले एक दशक के दौरान हुई किसान आत्महत्या की घटनाओं ने सरकारी तंत्र पर हमेशा सवाल खडेÞ किए हैं। कर्ज में डूबे किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार के पास उन्हें कर्ज से उबारने के लिए अभी कोई मास्टर प्लान नहीं है। केंद्रीय पूल में सर्वाधिक… Read More
#Jansatta
In news:
जीजेएम यानी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के दफ्तरों पर पुलिस के छापों के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए। जीजेएम ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया। बंद के अलावा छिटपुट हिंसा की भी घटनाएं हुर्इं।
जीजेएम समेत दार्जीलिंग में रसूख रखने वाले क्षेत्रीय दलों तथा राज्य सरकार के बीच ठनी… Read More
#Editorial_Jansatta
In news:
अलग-अलग राज्यों के शिक्षा बोर्डों के तहत आधे-अधूरे संसाधनों के बल पर दी जाने वाली शिक्षा और कराई जाने वाली परीक्षा कुछ वैसे ही दृश्य पेश करती है, जैसे फिलहाल बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बीएसइबी) को लेकर सामने आए हैं।
Ø एक ओर तो इस परीक्षा में चौंसठ फीसद छात्र फेल… Read More
#Editorial_live_Hindustan
Regional inequality in India:
भले ही पिछले दो-ढाई दशक में भारत ने तेजी से तरक्की की है, मगर यहां स्थानीय (स्थान या क्षेत्रवार) असमानताएं भी काफी बढ़ी हैं। भारत का विकास दरअसल बडे़ शहरों तक सिमटकर रह गया है। यह तस्वीर चीन और अमेरिका से बिल्कुल जुदा है, जहां मंझोले शहर… Read More
पशुओं के प्रति होने वाली क्रूरता को रोकने का कानून 1960 में ही बन गया था। पर इस कानून के तहत जैसी नियमावली अब जाकर जारी की गई है, पहले की किसी सरकार ने उसकी जरूरत महसूस नहीं की।
विवाद :
बीते हफ्ते पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नियमों को लेकर विवाद शुरू हो गया है, जिसे अस्वाभाविक नहीं… Read More
#Editorial_Jansatta
शिक्षा क्षेत्र की विडम्बना
यह विडंबना ही है कि एक ओर केंद्र व राज्य सरकारें शिक्षा में सुधार के लिए प्रतिबद्धता जता रही हैं वहीं शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की भारी कमी से शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। आज देश के तकरीबन सभी शिक्षण संस्थान शिक्षकों की भारी कमी से… Read More