राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान, 2016-17

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान जारी कर दिए हैं।             

* स्थिर (2011-12) मूल्यों पर अनुमान:-- 

(1.)सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2016-17 में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर वास्तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बढ़कर 121.55 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी का अनंतिम अनुमान 113.50 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो 31 मई 2016 को जारी किया गया था। वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी वृद्धि दर 7.6 फीसदी आंकी गई थी।                          

(2.) बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वर्ष 2016-17 में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वास्तविक जीवीए अर्थात जीवीए के बढ़कर 111.53 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 104.27 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2016-17 में बुनियादी मूल्यों पर वास्तविक जीवीए की अनुमानित वृद्धि दर 7.0 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 7.2 फीसदी थी।
- जिन क्षेत्रों ने 7.0 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’, ‘वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं’ और ‘विनिर्माण’ शामिल हैं।gdp to be slower

‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’, ‘खनन एवं उत्खनन’, ‘विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाओं’, ‘निर्माण’ और ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 4.1, (-) 1.8, 6.5, 2.9 और 6.0 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।                                   

( 3.) प्रति व्यक्ति आयवर्ष 2016-17 के दौरान वास्तविक रूप में (2011-12 के मूल्यों पर) प्रति व्यक्ति आय के बढ़कर 81805 रुपये हो जाने की संभावना है, जो वर्ष 2015-16 में 77435 रुपये थी। वर्ष 2016-17 के दौरान प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर 5.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष 6.2 फीसदी थी।             

** वर्तमान मूल्यों पर अनुमान:-----

*सकल घरेलू उत्पाद:- - वर्ष 2016-17 में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के बढ़कर 151.93 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है, जो वर्ष 2015-16 में 135.76 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 11.9 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है।

साभार : विशनाराम माली 

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