कोचिंग सेंटर्स पर सैकड़ों प्रतियोगी एक साथ तैयारी करते हैं। उन सबको एक जैसा मटेरियल उपलब्ध कराया जाता है और वो लोग कुछ हद तक लिखते भी एक जैसा ही हैं। एक जैसा लिखने वालों की शैली भी एक जैसी ही होगी। परीक्षक जब आपके कार्य को जांचता है तो वह उम्मीद करता है कि अगली कॉपी में कुछ नया हो। मान लीजिये 10 कॉपियां उसने लगातार जांची और ऐसे लोगों की जांची जो सभी एक ही कोचिंग के अनुयायी थे। इस मामले में सिर्फ पहली कॉपी वाला ही फायदा उठाएगा। बाकी की नौ कॉपियों में वही सब लिखा होगा जो पहली कॉपी में वो देख चूका है। इसलिए तुलनात्मक रूप से पिछली नौ कॉपियों को वो अंक नहीं मिलेंगे जो पहली कॉपी को मिले। लेकिन 11वीं कॉपी यदि ऐसे प्रतियोगी की है जो सेल्फ स्टडी करता है या खिचड़ी स्टडी करता है तो उसकी कॉपी में कुछ मौलिकता अवश्य मिलेगी। कुछ ऐसा अवश्य मिलेगा जो पिछली 10 कॉपियों में नहीं था।...और इस तरह से वो 11वां बंदा बाजी मार ले जायेगा। मैं ये नहीं बोल रहा हूँ कि आप कोचिंग ना जाएँ, अवश्य जाएँ, ये आपकी व्यक्तिगत पसंद हैं। लेकिन जरुरी है कि भेड़ चाल में शामिल ना हों। कोचिंग से ज्ञान लीजिये लेकिन उसमे कुछ अपने ज्ञान का भी समावेश कीजिये। इससे एक नया मिश्रण तैयार होगा जो आपको उस भेड़ चाल से बाहर निकाल सकता है जिसमें सब एक ही श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। आप कुछ अलग लिखकर दूसरों से बेहतर अंक प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं। मेरे नजरिये से ज्यादातर प्रतियोगी जो शीर्षस्थ स्थान प्राप्त करते हैं, उनमें से बहुत कम कोचिंग करते हैं। मैं यहां गलत भी हो सकता हूँ इसलिए आपकी उदारता का अभिलाषी हूँ। अब आगे....जब पेपर आपके सामने होता है तो पाँच मिनट में उसे देख लीजिये और रणनीति तैयार कर लीजिये। 6 अंक वाले प्रश्नो को ज्यादा लम्बा ना खींचे। ऐसे प्रश्नो के उत्तर बहुत से बहुत आप एक पन्ने में लिख सकते हैं, यह अधिकतम सीमा है, इससे ज्यादा लिखने की कोशिश बिलकुल ना करें। किसी प्रश्न का उत्तर नहीं भी मालूम है तो भी कुछ ना कुछ टुटा फूटा लिख ही दीजिये। प्रश्नवाचक वाक्य को साधारण वाक्य में ही परिवर्तित कर दीजिये और थोडा बहुत यहां वहां से लेकर 6-7 पंक्तियाँ तो लिख ही दो। कुछ नहीं तो एक अंक ही मिल जाये, कुछ नहीं से तो कुछ अच्छा। तीन अंको के प्रश्नों अपनी पूरी बुद्धि खर्च कर दीजिये। यही वो प्रश्न हैं जो बनाते और बिगाड़ते हैं। इन्हें लिखते समय भाषा शैली भी स्वच्छ और प्रभावित करने वाली हों। आप परीक्षक को अपनी जितनी भी प्रतिभा दिखाना चाहते हैं, सब तीन अंकों वाले प्रश्नों में ही दिखा दीजिये। जो बची खुची हो उसे 6 अंको वाले प्रश्नों में दिखा दीजिये। ......और 15 अंको वाले में कुछ देखने दिखाने की ना सोचें, यहां बस कैसे भी करके कम से कम 3 पन्ने तो भर ही दो फिर बाक़ी सब आपकी लेखन की गति पर आधारित है। एक नमूना प्रस्तुत कर रहा हूँ, देख लीजिये। आप चाहें तो इसके की एक उदाहरण पर दो या तीन पक्तियां और भी लिख सकते हैं