राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (एनटीबी) भारत सरकार द्वारा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत 2023 में स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
स्थापना क्यों?
देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और प्रचार के लिए एक शीर्ष निकाय।
एनटीबी से हल्दी क्षेत्र की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने और दुनिया भर में हल्दी… Read More
प्रसंग:
अफगानिस्तान हिमालय का भी हिस्सा है और हिमालय से जुड़ा हुआ पूरा बेल्ट बहुत ही संवेदनशील भी है। कुछ ही समय पहले यहाँ भूकंप के झटकों ने दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड को हिला दिया था।
अधिक विनाश क्यों?
भूकंप के बारे में बहुत-सी जानकारियों का अभाव बना है, क्योंकि यह पृथ्वी के… Read More
कार्यस्थल की दक्षता बढ़ाना सभी आकार के व्यवसायों के लिए आवश्यक है। अधिक कुशल कार्यक्षेत्र बनाकर, व्यवसाय उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं, लागत कम कर सकते हैं और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा सकते हैं।
कार्यस्थल की दक्षता बढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है। अपने कार्यक्षेत्र की नियमित रूप से समीक्षा करना और… Read More
नैनो-डीएपी क्या है?
नैनो-डीएपी से गैर-यूरिया उर्वरकों पर वार्षिक सब्सिडी कम होने और मूल्य श्रृंखला में शामिल सभी लोगों को महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है।
नैनो-डीएपी को सरकार सब्सिडी कम करने और पौधों के रसायनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बढ़ावा दे रही है।
यूरिया के बाद, डीएपी भारत… Read More
प्रसंग:
आत्महत्या के इर्द-गिर्द चुप्पी की संस्कृति रची गई है, जबकि यह सामूहिक स्वास्थ्य से जुड़ा गम्भीर मसला है। इसके चलते देश में तेजी से बढ़ते इस संकट की अनदेखी कर दी जाती है।
तथ्य:
वर्ष 2021 में, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने देश में आत्महत्याओं के 164,033 मामले दर्ज किए थे। पिछले… Read More
कोयला मंत्रालय के तहत, एनएलसी इंडिया लिमिटेड एक नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है।
सभी नवीकरणीय ऊर्जा पहलों को अपनाना NIGEL की मुख्य प्राथमिकता है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की 2030 ऑप्टिमल एनर्जी मिक्स रिपोर्ट के अनुसार, ग्रिड पर एक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) होगी जिसका… Read More
मुद्दा:
विदेश से नियंत्रित सोशल मीडिया भारतीय युवाओं की पहचान, मूल्यों और आत्मसम्मान को तेजी से प्रभावित कर रहा है। दिशानिर्देश की कमी ऐसे युवाओं को जन्म दे रही है, जो साधारण मुद्दों पर भी चर्चा नहीं कर सकते हैं। उनमें मौलिक सोच की क्षमता का अभाव होता जा रहा है और वे गंभीर रूप से सोचने के बजाय… Read More