- कैबिनेट ने लद्दाख में 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर (जीईसी) चरण- II - अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) को मंजूरी दी।
- कार्यान्वयन एजेंसी- पावरग्रिड।
- इस ऊर्जा के लिए ट्रांसमिशन लाइन हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर हरियाणा के कैथल तक जाएगी, जहां इसे राष्ट्रीय ग्रिड के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- लेह में इस परियोजना से मौजूदा लद्दाख ग्रिड तक एक इंटर-कनेक्शन की भी योजना बनाई गई है ताकि लद्दाख को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
- इसे जम्मू-कश्मीर को बिजली प्रदान करने के लिए लेह-अलुस्टेंग-श्रीनगर लाइन से भी जोड़ा जाएगा।
लाभ:
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- देश की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा का विकास करना।
- कार्बन पदचिह्न को कम करके पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ विकास को बढ़ावा देता है।
- बिजली और अन्य संबंधित क्षेत्रों में, विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में कुशल और अकुशल दोनों कर्मियों के लिए बड़े प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से 500 गीगावॉट स्थापित बिजली क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगा।