राजनीति विज्ञान - रणनीति
राजनीति विज्ञान - एक श्रेष्ठ वैकल्पिक विषय –
1. टीना डाबी, कर्ण सत्यार्थी आदि का उच्च रेंक व अच्छे अंको से चयन, राजनीति विज्ञान के चुनाव को प्रमाणित करता है, क्योंकि वर्तमान दौर में विषयवस्तु की समझ के साथ साथ आपका मुख्य परीक्षा में अंकदायी होना भी महत्वपूर्ण हो गया है।
2. राजनीति विज्ञान का पाठ्यक्रम यद्यपि थोड़ा विस्तृत अवश्य प्रतीत होता है किंतु इस विषय की रोचकता वर्तमान घटनाक्रम से तारतम्यता आदि अध्ययन को सदैव सजीव बनाए रखता है।
3. राजनीति विज्ञान मूलतः विचारक, सिद्धांत, भारतीय संविधान व राजव्यवस्था तथा अंतर्राष्ट्रीय राजनीति से संबोधित है जिनमें कठिनाई का स्तर केवल कुछ भागो में ही मिलता है जिन्हें अध्ययन के साथ आसान तरीके से समझा जा सकता है।
4. राजनीति विज्ञान की अध्ययन सामग्री हिन्दी माध्यम में भी आसान से उपलब्ध है तथा विभिन्न वेबसाइट्स से भी सहजता से अपने नोट्स को अद्यतन (अपडेट) किया जा सकता है।
5. राजनीति विज्ञान विषय का चयन अभ्यार्थी से किसी विशेष पूर्व अध्ययन की मांग नहीं रखता बल्कि इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि क्षेत्र के विद्यार्थी भी निर्धारित समय में संपूर्ण विषयवस्तु पर पकड बना लेते है।
6. राजनीति विज्ञान का अध्ययन स्वतः ही निबंध एवं सामान्य अध्ययन की भी बहुत अध्ययन सामग्री उपलब्ध करा देता है। उदाहरण के लिए 2016 में निबंध में अंतर्राष्ट्रीय जल विवाद और सहकारी संघवाद के विषय पूर्णतः राजनीति विज्ञान के विषय है।
इसके अतिरिक्त प्रथम प्रश्नपत्र में राज्यों का गठन अनुसूचित जनजाति से संबंधित प्रावधान, प्रादेशिकता, दक्षिणी चीन सागर, सिंधु जल संधि आदि प्रश्नो को राजनीति विज्ञान का विद्यार्थी श्रेष्ठतर तरीके से हल कर सकता है।
प्रश्न पत्र 2 का अधिकांश भाग, सामन्य अध्ययन के प्रश्नपत्र 3 में आंतरिक सुरक्षा से संबंधित प्रश्न और प्रश्नपत्र 4 में विचारको में से अधिकांश का अध्ययन राजनीति विज्ञान के प्रथम प्रश्न पत्र में किया जाता है।
7. मासिक पत्रिका व अखबार का अध्ययन प्रायः सभी के लिए अनिवार्य है, ये दोनो सामग्री स्वतः राजनीति विज्ञान विषय हेतु सहायक साबित होती है। अतः अन्य विषयो की भांति दोहरे अध्ययन के तनाव से मुक्ति मिलती है ।
8. यदि पिछले 5 - 6 वर्षों के प्रश्नपत्रों को देखा जाए जो स्पष्ट होता है कि राजनीति विज्ञान के प्रश्नपत्र प्रायः उतार चढ़ाव व अनिश्चितताओं से मुक्त रहे है तथा अभ्यर्थियों को प्रश्नो के चयन व विकल्पों की सुविधा रही है।
9. अंक प्राप्ति की दृष्टि से भी राजनीति विज्ञान अनिश्चिताओं से मुक्त रहा है तथा इस विषय में 210 से 260 अंक तक सहजता से हासिल किए जा सकते है।.
10. पाठ्यक्रम का संपूर्ण विभाजन व विषयवस्तु आपसी संबंध पर आधारित है अतः विषय की समस्त अध्ययन के साथ साथ बढती जाती है। जैसे - विचारकों का अध्ययन ही सिंद्वातो को समझने व तुलना करने में सहायक होता है। संवैधानिक प्रावधानों की समझ, राजव्यवस्था के वास्तविक कार्यकरण को आसानी से समझने में सहायक होती है और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति से संबंधित सिद्धांत, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों व घटनाक्रम की समझ को व्यापक बनाते है।
विषय का विभाजन
प्रथम प्रश्न पत्र –
भाग - 1
1. सिद्वांत और विचार धाराएं
2. विचारक - पाश्चात्य और भारतीय
भाग - 2
1. संविधान का निर्माण व विविधवाद / विचार
2. संवैधानिक प्रावधान
3. संविधान का व्यावहारिक कार्यकरण
4. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था
द्वितीय प्रश्न पत्र –
भाग - 1
1. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन के उपागम
2. विविध विचारधाराएं और सिद्वांत
3. व्यावहारिक अंतर्राष्ट्रीय राजनीति व मुद्दे।
भाग - 2
1. भारतीय विदेश नीति की दशा व दिशा
2. अंतर्राष्ट्रीय मुद्दो पर भारत का दृष्टिकोण
3. भारत में ब्राह्य विश्व के साथ संबंध
अध्ययन सामग्री -
प्रथम प्रश्नपत्र
1. ओ.पी. गावा - राजनीतिक सिद्वांत की रूपरेखा , तुलनात्मक राजनीति की रूपरेखा
2. बी.एल. फडिया / जे.पी. सूद - पाश्चात्य राजनीतिक विचारक , भारतीय राजनीतिक विचारक
3. एम. लक्ष्मीकांत - भारत का संविधान
4. वी.एल.कडिया - भारतीय शासन एवं राजनीति
5. राजेश मिश्रा सर के नोट्स (हिन्दी माध्यम)
6. शुभ्रा रंजन मैडम के नोट्स (अंग्रेजी माध्यम)
7. इग्नू अध्ययन सामग्री
द्वितीय प्रश्नपत्र –
1. तुलनात्क राजनीति की रूपरेखा - ओ.पी. गाबा
2. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति सिद्वांत और व्यवहार - बी.एल. फडिन
3. अंतर्राष्ट्रीय संबंध - तपन बिस्वाल
4. राजेश मिश्रा सर के नोट्स
5. शुभ्रा रंजन मैडम के नोट्स
6. इग्नू अध्ययन सामग्री
पत्र - पत्रिका और वेबसाइट्स –
1. वर्ल्ड फोकस
2. कोई भी एक मासिक पत्रिका
3. दैनिक जागरण/द हिन्दू / इंडियन एक्सप्रेस
4. विदेश मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट्स
5. IDSA की वेबसाईट आदि।