सामान्य अध्ययन I
भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
- 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास, महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, विषय।
- स्वतंत्राता संग्राम-इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अन्दर एकीकरण और पुनर्गठन।
- विश्व के इतिहास में 18वीं सदी की घटनाएं यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध,राष्ट्रीय सीमाओं का पुन: सीमाकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शनशास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उसके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता।
- महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं सम्बद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय।
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
- सामाजिक सशक्तीकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रावाद और धर्मनिरपेक्षता।
- विश्व के भौतिक-भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
- विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए) विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक।
- भूकम्प, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएं, भूगोलीय विशेषताएं और उनके स्थान-अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणीजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
सामान्य अध्ययन II
शासन व्यवस्था, संविधन, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध
- भारतीय संविधान-ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से सम्बन्धित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
- भारतीय संवैधनिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
- संसद और राज्य विधयिका-संरचना, कार्य, कार्य संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधाकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य-सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधनिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व।
- सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
- विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग-गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
- केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बन्धित सामाजिक क्षेत्रों/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बधित विषय।
- गरीबी और भूख से सम्बन्धित विषय।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, र्इ-गवनेर्स-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और सम्भावनाएं, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
- भारत एवं इसके पड़ोसी सम्बन्ध।
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बन्धित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
- भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
- महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच-उनकी संरचना, अधिदेश।
सामान्य अध्ययन-III-
प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैवविविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदाप्रबंधन।
- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से सम्बन्धित विषय
- समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
- सरकारी बजट।
- मुख्य फसलें-देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न-सिंचार्इ के विभिन्न प्रकार एवं सिंचार्इ प्रणाली-कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, सम्बधित विषय और बाधाएं, किसानों की सहायता के लिए र्इ-प्रौद्योगिकी।
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से सम्बधित विषय, जन वितरण प्रणाली-उद्देश्य, कार्य, सीमाएं, सुधार, बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा सम्बन्धी विषय, प्रौद्योगिकी मिशन, पशुपालन सम्बधित अर्थशाष्त्र
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं सम्बन्धित उद्योग-कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
- भारत में भूमि सुधार।
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
- बुनियादी ढाँचा : ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
- निवेश मॉडल।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नर्इ प्रौद्योगिकी का विकास।
- सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से सम्बन्धित विषयों के सम्बन्ध में जागरूकता।
- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
- आपदा और आपदा प्रबंधन।
- विकास और फैलते उन्माद के बीच सम्बन्ध।
- आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका।
- संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धशोधन और इसे रोकना।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबन्धन-संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच सम्बन्ध।
- विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।
सामान्य अध्ययन-IV
नीतिशास्त्रा, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि।
इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, र्इमानदारी से सम्बन्धित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिए प्रश्न-पत्रों में किसी मामले के अध्ययन(केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा-
- नीतिशास्त्रा तथा मानवीय सहसम्बन्ध : मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्रा के सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम, नीतिशास्त्रा के आयाम, निजी और सार्वजनिक सम्बन्धों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य-महान् नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
- अभिवृत्ति : सारांश (कंटेन्टद्), संरचना, वृत्ति, विचार तथा आचरण के परिपेरक्ष्य में इसका प्रभाव एवं सम्बन्धी नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि, सामाजिक प्रभाव और धरणा।
- सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
- भावनात्मक समझ : अवधारणाएं तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
- लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रा : स्थित तथा समस्याएं सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिन्ताएं तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि,नियम, विनिमय तथा अंतरात्मा, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंगद्) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था।
- शासन व्यवस्था में र्इमानदारी : लोक सेवा की अवधरणा, शासन व्यवस्था और र्इमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा-पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
- उपर्युक्त विषयों पर मामला सम्बन्धी अध्ययन (केस स्टडी)।