भारत ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए विकास दर का पूर्वानुमान घटा दिया है. केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा कि इस साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़ोतरी का आंकड़ा 6.5 फीसदी रहेगा. यह चार साल में इसका सबसे निचला स्तर है.
2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 फीसदी थी जबकि उससे पिछले वर्ष यानी 2015-16 में यह आंकड़ा आठ फीसदी था.
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. हालांकि कई अर्थशास्त्रियों ने इसे लेकर शंका जताई थी. उनका कहना था कि विकास दर 6.2 से 6.5 फीसदी के बीच रह सकती है. उन्होंने इसके पीछे की वजह वस्तु एवं सेवा कर को बताया था. माना जा रहा है कि बीते साल जुलाई में लॉन्च हुई कर की इस नई व्यवस्था ने लाखों छोटे कारोबारियों को नुकसान पहुंचाया है.