ऑनलाइन कारोबार का अगला चरण

 

#Amar_Ujala

Growing online space in India

भारत में ऑनलाइन बाजार का एक चक्र पूरा हो गया, अब देश इसके अगले पायदान पर चढ़ने के लिए तैयार हो रहा है और इसमें शामिल हैं फल, अनाज और सब्जी। ऑनलाइन बाजार के पहले चरण में इलेक्ट्रॉनिक सामान और कपड़े की खूब खरीदारी हुई, जो अब भी जारी है, जिसमें उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए खूब आकर्षक उपहार और छूट भी शामिल थीं। सबसे महत्वपूर्ण, सारे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड का एक जगह उपलब्ध होना भी रहा।

  • पिछले साल की चौथी तिमाही (अक्तूबर–दिसंबर) में भारत अमेरिका को पछाड़कर दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा स्मार्टफोनधारकों का देश बन चुका है।
  • भारत के स्मार्ट फोन बाजार में अब भी असीमित संभावनाएं हैं, क्योंकि भारत में अभी दस मोबाइल फोन में से मात्र चार ही स्मार्टफोन हैं और यह आंकड़ा विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है।
  • स्मार्टफोन की वृद्धि ऑनलाइन शॉपिंग को बढ़ावा दे रही है, पर इसमें घरेलू इस्तेमाल का किराना अछूता रहा, उसके लिए उपभोक्ताओं को या तो मॉल में खरीददारी करनी पड़ती या फिर मोहल्ले की दुकान पर निर्भर रहना पड़ता।
  • ऑनलाइन कारोबार किराने के सामान का उपभोक्ताओं को विकल्प नहीं दे पाया, वहीं इलेक्ट्रॉनिक सामान ने परंपरागत बाजार का पैंतीस प्रतिशत हिस्सा हथिया लिया, जबकि यात्रा से संबंधित मामलों में यह आंकड़ा पचास फीसदी हो गया। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां अभी इस बाजार के मात्र तीन से पांच प्रतिशत हिस्से को पाने के लिए कमर कस चुकी हैं।

Growing competition in Online market

अमेजन जहां इस बाजार में पहले से ही कूद चुकी है, वहीं फ्लिपकार्ट ने अमेजन को टक्कर देने के लिए अपने ऑनलाइन किराना स्टोर की शुरुआत सुपरमार्केट नाम के स्टोर के साथ शुरू कर दी है, यह परियोजना प्रयोग के लिए बंगलूरू में अपने कर्मचारियों के लिए शुरू की गई है। पेटीएम अपने मुख्य निवेशक अलीबाबा के साथ इस क्षेत्र में विस्तार कर रही है, जिसने बिग बॉस्केट में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीद ली है। अमेजन इंडिया ने उसी दिन किराने का सामान उपलब्ध कराने के लिए बिग बाजार और हाइपर सिटी के साथ करार किया है। अमेजन के किराना की मांग में दो वर्षों के भीतर ढाई सौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।

Growing Online market in India:

  • इंडियन ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में किराना बाजार का आकार 566 अरब डॉलर का है, जबकि भारत का कुल खुदरा बाजार का आकार 672 अरब डॉलर का है, मतलब किराने के सामानों के रूप में बाजार का एक बड़ा भाग ऑनलाइन कारोबार से दूर है और सारी कंपनियां इस पर कब्जा जमाने की होड़ में हैं।

लेकिन सब्जी, फल और अनाज बेचना मोबाइल या फ्रिज बेचने से अलग है, जहां मुनाफा कम और सामान भेजने की लागत ज्यादा है, जिसके लिए एक अलग तरह की बिक्री आधारभूत ढांचे की जरूरत होगी। सब्जी, फल की गुणवत्ता ब्रांड से नहीं, बल्कि उनके ताजा होने से आंकी जाएगी। इस चुनौती से भारत के कुछ बड़े शहरों में ही पार पाया जा सकता है, बाकी हिस्से अभी इनके लिए तैयार नहीं दिखते हैं। ऐसे में ऑनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियां मुनाफा कैसे कमाएंगी, इसका फैसला होना है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई स्टार्ट अप फेल हो चुके हैं। दूसरा मुद्दा विधिक है, भारत जैसे देश में जहां उपभोक्ता किराने के सामानों को लेकर काफी सतर्क रहते हैं, वहां खराब सामान की वापसी प्रक्रिया क्या और कैसी होगी? ऑनलाइन कंपनियां इसके लिए क्या रास्ता निकालती हैं, इस पर ही ऑनलाइन किराना कारोबार का भविष्य तय होगा।

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