- स्वच्छ ऊर्जा पर आत्मनिर्भरता के मामले में दीव बाकी देश के लिए एक मिसाल हो सकता है. सौर ऊर्जा के इस्तेमाल ने उसे देश का पहला ऐसा केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है जहां ऊर्जा का उत्पादन उसके इस्तेमाल से ज्यादा है. यह प्रगति सिर्फ तीन साल में हुई है.
- दीव का क्षेत्रफल सिर्फ 42 वर्ग किलोमीटर है. यानी उसके पास जमीन ज्यादा नहीं है. फिर भी वहां प्रशासन ने 50 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर सोलर पैनल लगाए. इनसे कुल मिलाकर 10.50 मेगावॉट बिजली पैदा हो रही है. भयानक गर्मी के मौसम में वहां ऊर्जा की अधिकतम मांग सात मेगावॉट तक ही जाती है. यानी अब दीव के पास अपनी जरूरत से लगभग डेढ़ गुनी बिजली है.
- 56 हजार की आबादी वाला दीव तीन साल पहले तक अपनी इस जरूरत के लिए गुजरात पर निर्भर था. सौर ऊर्जा से उसकी यह निभर्रता ही खत्म नहीं हुई है. लोगों का बिजली का बिल भी कम हो गया है. अब उन्हें पहली 100 यूनिट की खपत पर करीब एक रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल चुकाना होता है