- Global Competitiveness Index में भारत की रैंकिंग एक पायदान गिरकर 40वीं
- सबसे प्रतिस्पर्धी देशों की इस सूची में स्विट्जरलैंड शीर्ष पर है
- WEF की 137 देशों की सूची में अमेरिका दूसरे और सिंगापुर तीसरे स्थान पर रहा। सूची में भारत 39वें स्थान से एक पायदान खिसककर 40वें पर पहुंच गया। चीन की रैंकिंग 27वीं रही।
India & Global Competitiveness Index
रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो साल में अच्छी छलांग लगाने के बाद भारत की रैंकिंग कमोबेश स्थिर रही। प्रतिस्पर्धा के मानकों में भारत ने सुधार किया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में 66वें, उच्च शिक्षा में 75वें और टेक्नोलॉजिकल रेडीनेस में 107वें स्थान पर रहा। इससे लगता है कि इन क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ा है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत की रैंकिंग आइसीटी यानी इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी खासकर प्रति यूजर इंटरनेट बैंडविथ, मोबाइल फोन, ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन व स्कूलों में इंटरनेट की उपलब्धता के मामले में बेहतर हुई है। रिपोर्ट के अनुसार निजी क्षेत्र भारत में कारोबार के लिए भ्रष्टाचार को सबसे बड़ी समस्या मानता है।
बड़ी चिंता यह है कि इनोवेटिव स्ट्रेंथ और उसकी टेक्नोलॉजीकल रेडीनेस (तीन पायदान के सुधार के साथ 107वां स्थान) के बीच संबंध नहीं बन पाया है। इस अंतराल के कारण भारत अर्थव्यवस्था को विस्तार देने के लिए तकनीकी ताकत का लाभ नहीं उठा पाएगा।
How Index is Prepared
इंडेक्स ग्लोबल कॉम्पीटीटिवनेस इंडेक्स को कॉम्पीटीटिवनेस की 12 कैटेगरी के तहत कंट्री लेवल डाटा के आधार पर तैयार किया जाता है। ये कैटेगरी इस्टीट्यूशंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैक्राइकोनॉमिक इनवायरमेंट, हेल्थ और प्राइमरी एजुकेशन, हायर एजुकेशन व ट्रेनिंग, गुड्स मार्केट इफीशिएंसी, लेबर मार्केट इफीशिएंसी, फाइनेंशियल मार्केट डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजिकल रेडीनेस, मार्केट साइज, व्यावसायिक विशेषज्ञता और इनोवेशन हैं।