The Right Livelihood Award Foundation announced the three recipients of its 2017 prize in Stockholm: Ethiopian lawyer Yetnebersh Nigussie, Azerbaijani investigative reporter Khadija Ismayilova and Indian attorney Colin Gonsalves were honored for their work "offering visionary and exemplary solutions to the root causes of global problems."
भारतीय सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कॉलिन गोसाल्विस को इस साल का Right livelihood award दिया जाएगा. इसे ‘ऑल्टरनेटिव नोबल’ पुरस्कार भी कहा जाता है. स्टॉकहोम स्थित अवार्ड फाउंडेशन ने तीन अन्य लोगों के साथ उन्हें यह पुरस्कार देने की घोषणा की.
कॉलिन गोंसाल्विस को बीते तीन दशक से मानवाधिकारों की रक्षा में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार मिलेगा. राइट लाइवलीहुड अवार्ड हर साल वैश्विक मुद्दों के दूरदर्शी और अनुकरणीय समाधान देने वाले साहसी लोगों और संगठनों को दिया जाता है. 1980 से लेकर अब तक 69 देशों के 170 लोगों को यह पुरस्कार मिल चुका है.
कॉलिन गोंसाल्विस के अलावा इसके सहविजेताओं में अजरबेजान की पत्रकार खदीजा इस्मायीलोवा और इथियोपिया के वकील येत्नेबेरश निगुशी शामिल हैं.
खदीजा इस्मायीलोवा को खोजी पत्रकारिता के जरिए सत्ता के शीर्ष स्तर पर मौजूद भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए, जबकि येत्नेबेरश निगुशी को निशक्तजनों के अधिकारों को लेकर संघर्ष करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है. इसके तहत 2.42 करोड़ रुपये की नगद राशि को इन तीनों विजेताओं में बांटा जाएगा. इनके अलावा अमेरिका में पर्यावरण के लिए काम करने वाले वकील रॉबर्ट बिलॉट को ऑनरेरी (मानद) अवार्ड के लिए चुना गया है.
कॉलिन गोंसाल्विस को जनहित याचिकाओं के जरिए बंधुआ मजदूरी, अल्पसंख्यकों, शरणार्थियों और वंचित महिलाओं के सवाल उठाने के लिए जाना जाता है. ऑल्टरनेटिव नोबल पुरस्कार की घोषणा पर उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार देने की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब भारत एक अंधेरे दौर से गुजर रहा है और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर बंदिशें लगाई रही हैं. उनके मुताबिक इस पुरस्कार से लोकतांत्रिक प्रतिरोध को मजबूती मिलेगी.