यह क्या है?
- साइबरस्पेस में विरोधियों के बीच आयोजित एक रणनीतिक प्रतियोगिता। यह देशों को बड़े पैमाने पर, सस्ते में और गुमनाम रूप से गुप्त संचालन करने की अनुमति देता है
- यह व्यापक है क्योंकि यह कम से कम पांच अलग-अलग स्थानों में हो सकता है - आर्थिक (बैंक हमला), सामाजिक (गलत सूचना), सांस्कृतिक/बौद्धिक, सैन्य और राजनीतिक।
साइबर वॉर फेयर का उद्देश्य:
- प्रौद्योगिकी उन्नति के लिए जासूसी
- बुनियादी ढांचे का विघटन
- साथ ही सरकार को अस्थिर करने के लिए कलह बोता था।
- हैक्टिविज़्म
इसे चुनौती:
- सस्ता होना और गुमनाम हो सकना
- ट्रेस करना मुश्किल
साइबर युद्ध का मुकाबला:
सरकार और निजी क्षेत्र के बीच विश्वास के संबंध बनाएं। इसके अलावा, सरकारों को साइबर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में प्राथमिकता वाले निवेश को बनाए रखना चाहिए।
भारतीय तैयारी:
- भारत के पास एक समर्पित सूचना युद्ध सेवा का अभाव है जिसे सेवा-विशिष्ट मिशनों और सैन्य लक्ष्यों में तैनात किया जा सकता है।
- भारत की सूचना युद्ध क्षमता खंडित है और इसमें स्पष्ट कमांड संरचना का अभाव है।
- साइबर सुरक्षा से निपटने वाली प्रमुख मौजूदा एजेंसियां हैं: कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्टिफिकेट-इन); राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र; रक्षा सूचना आश्वासन और अनुसंधान एजेंसी (DIARA)