कृषि क्षेत्र का विकास

  • पिछले छह वर्षों के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्र 4.4% प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र की वृद्धि के लिए कोई विशेष लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।
  • सरकार ने किसानों की कृषि विकास संभावनाओं और आय में सुधार के लिए कई नीतियों, सुधारों, विकासात्मक कार्यक्रमों और योजनाओं को अपनाया और कार्यान्वित किया है। इनमें शामिल हैं:
  1. पीएम-किसान के तहत पात्र लाभार्थियों को तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6000/- रु.रुपये का पूरक आय हस्तांतरण।
  2. सभी खरीफ और रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभसुनिश्चित करना।
  3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा।
  4. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सिंचाई तक बेहतर पहुंच।
  5. 100,000 करोड़ के आकार के एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के माध्यम से बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विशेष ध्यान।
  6. एफसीआई संचालन के अलावा पीएम-आशा के तहत नई खरीद नीति।
  7. किसान क्रेडिट कार्ड कृषि फसलों के अलावा डेयरी और मत्स्यपालन किसानों को भी उत्पादन ऋण प्रदान करता है।
  8. 10,000 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन एवं संवर्धन।
  9. सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन, जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि को बदलती जलवायु के प्रति अधिक लचीला बनाने के लिए रणनीति विकसित करना और लागू करना है।
  10. कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकियों को अपनाना जिससे भारतीय कृषि में क्रांति लाने की क्षमता है।
  11. मधुमक्खी पालन, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, नीली क्रांति, ब्याज सहायता योजना, कृषि वानिकी, पुनर्गठित बांस मिशन, नई पीढ़ी के वाटरशेड दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन, आदि के तहत होने वाले लाभ।
  12. कृषि मूल्य श्रृंखला के सभी चरणों में डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग पर ध्यान देना।
  13. किसानों को रियायती मूल्य पर उर्वरक की आपूर्ति ताकि इनपुट लागत कम हो सके।

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