ई-अपशिष्ट प्रबंधन

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) -कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के तहत अनिवार्य रूप से उत्पादकों द्वारा प्रदान किए गए देशव्यापी बिक्री डेटा और अधिसूचित विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (ईईई) के औसत जीवन के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर ई-कचरा उत्पादन का अनुमान लगाता है।

मंत्रालय ने नियमों के पिछले समूह को व्यापक रूप से संशोधित किया है और नवंबर, 2022 में ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 को अधिसूचित किया है और इसे 1 अप्रैल, 2023 से लागू किया गया है। इन नए नियमों का उद्देश्य ई-कचरे को पर्यावरणीय रूप से सुदृढ़ तरीके से प्रबंधित करना है। और ई-कचरा पुनर्चक्रण के लिए एक बेहतर विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) व्यवस्था लागू की गई, जिसमें सभी निर्माता, उत्पादक, नवीनीकरणकर्ता और पुनर्चक्रणकर्ताओं को सीपीसीबी द्वारा विकसित पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक है। नए प्रावधान व्यवसाय करने के लिए अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक क्षेत्र की ओर सुविधाजनक बनाएंगे और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से ई-कचरे का पुनर्चक्रण सुनिश्चित करेंगे। पर्यावरण क्षतिपूर्ति और सत्यापन एवं लेखापरीक्षा के प्रावधान भी पेश किए गए हैं। ये नियम ईपीआर व्यवस्था और ई-कचरे के वैज्ञानिक पुनर्चक्रण/निपटान के माध्यम से सर्कुलर इकोनॉमी को भी बढ़ावा देते हैं।

देश भर में ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियमों को लागू करने के लिए एक कार्य योजना लागू है और इसे सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी)/प्रदूषण नियंत्रण समितियों (पीसीसी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। ई-कचरा कार्य योजना की स्थिति और प्रगति अपलोड करने के लिए एक ई-कचरा प्रबंधन समीक्षा पोर्टल भी विकसित किया गया है।

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