भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई), देहरादून, मंत्रालय के तहत एक संगठन, 1987 से द्विवार्षिक रूप से वन क्षेत्र का मूल्यांकन करता है और निष्कर्ष भारत राज्य वन रिपोर्ट (ISFR) में प्रकाशित किए जाते हैं।
नवीनतम ISFR 2021 के अनुसार, देश का कुल वन क्षेत्र 7,13,789 वर्ग किलोमीटर है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.71% है। ISFR 2019 और ISFR 2021 मूल्यांकन के बीच वन क्षेत्र में 1,540 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। ISFR 2021 के अनुसार वन क्षेत्र का राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार विवरण अनुबंध में दिया गया है।
देश में वन आवरण की सुरक्षा और सुधार के लिए, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा वनीकरण और वृक्षारोपण गतिविधियाँ शुरू की जाती हैं। मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को समर्थन और पूरक करने के लिए विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं अर्थात् ग्रीन इंडिया मिशन (जीआईएम) के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। ग्रीन इंडिया मिशन गतिविधियाँ वित्तीय वर्ष 2015-16 में शुरू की गईं।
मंत्रालय ने देश में बिगड़े वनों और आसपास के क्षेत्रों के पुनर्जीवन के लिए केंद्र प्रायोजित योजना, राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम भी लागू किया है। राष्ट्रीय वनरोपण कार्यक्रम का अब हरित भारत मिशन में विलय हो गया है।
मंत्रालय वर्ष 2020 से नगर वन योजना (एनवीवाई) लागू कर रहा है, जिसमें प्रतिपूरक वनरोपण निधि (सीएएमपीए) के तहत उपलब्ध धनराशि के तहत 2020-21 से 2024-25 की अवधि के दौरान देश में 600 नगर वैन और 400 नगर वाटिका के निर्माण की परिकल्पना की गई है। नगर वन योजना का उद्देश्य शहरी और उप-शहरी क्षेत्रों में जैविक विविधता सहित हरित आवरण को बढ़ाना, पारिस्थितिक लाभ प्रदान करना और शहरवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
वनरोपण निधि अधिनियम, 2016 (सीएएफ अधिनियम) और सीएएफ नियम, 2018 के तहत प्रतिपूरक वनरोपण निधि (CAMPA फंड) का उपयोग राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्रतिपूरक वनीकरण के प्रावधानों के अनुसार विकासात्मक परियोजनाओं के लिए वन भूमि के विचलन के कारण वन और वृक्ष आवरण के नुकसान की भरपाई के लिए अनुमोदित वार्षिक संचालन योजना के अनुसार प्रतिपूरक वनरोपण करने के लिए किया जा रहा है।
संबंधित मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय बांस मिशन, कृषि वानिकी पर उप-मिशन आदि के तहत और विभिन्न विभागों, गैर-राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की योजनाओं के तहत भी वनीकरण गतिविधियां शुरू की जाती हैं। सरकारी संगठन, नागरिक समाज, कॉर्पोरेट निकाय आदि बहुविभागीय प्रयासों से देश में वन आवरण के संरक्षण और वृद्धि में अच्छे परिणाम मिले हैं।
मंत्रालय जंगल की आग से निपटने के लिए विभिन्न कदम उठाता है। मंत्रालय विभिन्न वन अग्नि रोकथाम और प्रबंधन उपायों जैसे आग बुझाने के लिए आधुनिक उपकरण, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग, आदि के निर्माण और रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके जंगल की आग की रोकथाम और नियंत्रण में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन करता है। वन क्षेत्रों में अग्नि लाइनें, अग्नि निगरानीकर्ताओं की नियुक्ति, वन क्षेत्रों में जल भंडारण संरचनाओं का निर्माण, वन बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, अग्निशमन उपकरणों की खरीद, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में मिट्टी और नमी संरक्षण कार्य, जागरूकता सृजन, गांवों/समुदायों को इनसे सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित करना। केंद्र प्रायोजित वन अग्नि रोकथाम एवं प्रबंधन योजना के तहत जंगल की आग आदि।