राष्ट्रीय हरित भारत मिशन (जीआईएम) जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत आठ मिशनों में से एक है। मिशन के तहत वन/वृक्ष आवरण को बढ़ाने और मौजूदा वन की गुणवत्ता में सुधार के लिए वन और गैर-वन भूमि पर 10 मिलियन हेक्टेयर का लक्ष्य है। राज्यों द्वारा प्रस्तुत परिप्रेक्ष्य योजनाओं के आधार पर और धन की उपलब्धता के अनुसार, अब तक सत्रह राज्य अर्थात् आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब , सिक्किम, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और एक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को जीआईएम के तहत लिया गया है।
राज्यों को उनकी परिप्रेक्ष्य योजना और जीआईएम के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार संचालन की वार्षिक योजना के मूल्यांकन के बाद जीआईएम के तहत वित्त पोषण के लिए विचार किया जाता है। तेलंगाना राज्य ने अब तक जीआईएम के तहत अपनी परिप्रेक्ष्य योजना और संचालन की वार्षिक योजना प्रस्तुत नहीं की है और इसलिए जीआईएम के तहत राज्य को कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है। विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ), नीति आयोग, भारत सरकार ने योजना के भीतर प्रासंगिकता, प्रभावशीलता, दक्षता, स्थिरता, प्रभाव और समानता जैसे पहलुओं पर 2020-21 में हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन का मूल्यांकन किया है। और योजना को जारी रखने की सिफ़ारिश की है।