15. Identify and discuss the factors responsible for diversity of natural vegetation in India. Assess the significance of wildlife sanctuaries in rain forest regions of India. (Answer in 250 words) 15 marks
The diversity of natural vegetation in India can be attributed to several factors:
1. Geographical Extent: India's vast geographical area encompasses various climatic zones, from the tropical to the alpine. These diverse climates support a wide range of plant species.
2. Varied Topography: India's topography includes the Himalayan Mountain range, fertile plains, plateaus, coastal areas, and deserts. Each of these regions hosts distinct vegetation types adapted to their specific conditions.
3. Monsoonal Climate: The Indian subcontinent experiences the monsoon, which brings heavy rains during certain seasons. This seasonal rainfall pattern influences the distribution of vegetation, leading to the prevalence of wet and dry forests.
4. Temperature Variations: The variation in temperature across India, from the hot Thar Desert to the cold Himalayan slopes, contributes to the diversity of plant life, with different species adapted to specific temperature ranges.
5. Soil Types: India has various soil types, such as alluvial, red, and laterite soils. Different plants thrive in these different soil conditions, contributing to biodiversity.
6. River Systems: The presence of major rivers like the Ganges, Brahmaputra, and Godavari supports riparian ecosystems and wetlands, fostering unique vegetation.
Wildlife sanctuaries in rainforest regions of India, such as the Western Ghats, Eastern Himalayas, and the Northeast, play a crucial role in conserving biodiversity:
1. Habitat Preservation: These sanctuaries protect the natural habitats of numerous plant and animal species, especially those that are endemic or endangered.
2. Species Conservation: They provide safe havens for a wide range of wildlife, including tigers, elephants, various primates, and endemic birds.
3. Biodiversity Research: These areas are vital for biodiversity research, helping scientists understand ecosystems, discover new species, and monitor the impacts of climate change.
4. Tourism and Education: Wildlife sanctuaries also promote eco-tourism and environmental education, raising awareness about the importance of conserving rainforests and their biodiversity.
In conclusion, the diversity of natural vegetation in India is a result of its vast geography, varied topography, climatic patterns, and soil types. Wildlife sanctuaries in rainforest regions are essential for preserving this rich biodiversity, conserving species, and promoting ecological research and education. They play a crucial role in maintaining India's ecological balance and ensuring the survival of many unique plant and animal species.
15. भारत में प्राकृतिक वनस्पति की विविधता के लिए उत्तरदायी कारकों को पहचानें एवं चर्चा कीजिये। भारत के वर्षा वन क्षेत्रों में वन्यजीव अभयारण्यों के महत्व का आकलन कीजिये। (उत्तर 250 शब्दों में) 15 अंक
भारत में प्राकृतिक वनस्पति की विविधता का श्रेय कई कारकों को दिया जा सकता है:
1. भौगोलिक विस्तार: भारत के विशाल भौगोलिक क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय से लेकर अल्पाइन तक विभिन्न जलवायु क्षेत्र शामिल हैं। ये विविध जलवायु पौधों की प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करती हैं।
2. विविध स्थलाकृति: भारत की स्थलाकृति में हिमालय पर्वत श्रृंखला, उपजाऊ मैदान, पठार, तटीय क्षेत्र और रेगिस्तान शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक क्षेत्र अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के अनुकूल अलग-अलग प्रकार की वनस्पतियों की मेजबानी करता है।
3. मानसूनी जलवायु: भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून का अनुभव होता है, जो कुछ मौसमों के दौरान भारी बारिश लाता है। यह मौसमी वर्षा पैटर्न वनस्पति के वितरण को प्रभावित करता है, जिससे गीले और सूखे जंगलों का प्रसार होता है।
4. तापमान भिन्नता: पूरे भारत में तापमान में भिन्नता, गर्म थार रेगिस्तान से लेकर ठंडी हिमालयी ढलानों तक, पौधों के जीवन की विविधता में योगदान करती है, साथ ही विभिन्न प्रजातियाँ विशिष्ट तापमान सीमाओं के अनुकूल होती हैं।
5. मृदा के प्रकार: भारत में विभिन्न प्रकार की मृदाएँ हैं, जैसे जलोढ़, लाल और लेटराइट मिट्टी। इन विभिन्न मिट्टी की स्थितियों में विभिन्न पौधे पनपते हैं, जो जैव विविधता में योगदान करते हैं।
6. नदी प्रणालियाँ: गंगा, ब्रह्मपुत्र और गोदावरी जैसी प्रमुख नदियों की उपस्थिति अद्वितीय वनस्पति को बढ़ावा देते हुए, तटवर्ती पारिस्थितिकी तंत्र और आर्द्रभूमि का समर्थन करती है।
भारत के वर्षावन क्षेत्रों, जैसे पश्चिमी घाट, पूर्वी हिमालय और पूर्वोत्तर में वन्यजीव अभयारण्य जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
1. आवास संरक्षण: ये अभयारण्य कई पौधों और जानवरों की प्रजातियों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा करते हैं, विशेष रूप से वे जो स्थानिक या लुप्तप्राय हैं।
2. प्रजाति संरक्षण: वे बाघों, हाथियों, विभिन्न प्राइमेट्स और स्थानिक पक्षियों सहित वन्यजीवों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं।
3. जैव विविधता अनुसंधान: ये क्षेत्र जैव विविधता अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो वैज्ञानिकों को पारिस्थितिक तंत्र को समझने, नई प्रजातियों की खोज करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की निगरानी करने में मदद करते हैं।
4. पर्यटन और शिक्षा: वन्यजीव अभयारण्य पर्यावरण-पर्यटन और पर्यावरण शिक्षा को भी बढ़ावा देते हैं, जिससे वर्षावनों और उनकी जैव विविधता के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ती है।
निष्कर्षतः, भारत में प्राकृतिक वनस्पति की विविधता इसके विशाल भूगोल, विविध स्थलाकृति, जलवायु प्रतिरूप और मिट्टी के प्रकारों का परिणाम है। वर्षावन क्षेत्रों में वन्यजीव अभयारण्य इस समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने, प्रजातियों के संरक्षण और पारिस्थितिक अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं। वे भारत के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने और कई अद्वितीय पौधों और जानवरों की प्रजातियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।