GS PAPER History, Geography, Society and Art & Culture Question 5

5. Why is the world today confronted with a crisis of availability of and access to freshwater resources?  (Answer in 150 words) 10 marks

The world today is confronted with a crisis of availability of and access to freshwater resources. This is due to a number of factors, including:

  • Climate change: Climate change is disrupting precipitation patterns, leading to droughts in some areas and floods in others. This is making it more difficult to predict and manage water resources.
  • Population growth: The global population is growing rapidly, putting increasing pressure on water resources.
  • Economic development: Economic development is often associated with increased water use, particularly in the agricultural and industrial sectors.
  • Pollution: Water pollution from industrial waste, agricultural runoff, and sewage is contaminating freshwater supplies and making them unusable for drinking and irrigation.
  • Inequitable access: Not everyone has equal access to freshwater resources. This is particularly true in developing countries, where many people lack access to clean drinking water and sanitation.
  • Unsustainable extraction Practices: Consumerist attitude and decline of traditional water harvesting structures

The crisis of freshwater availability and access is having a number of negative consequences, including:

  • Food insecurity: Water is essential for agriculture, and climate change and other factors are making it more difficult to grow food. This is leading to food insecurity in many parts of the world.
  • Health problems: Waterborne diseases are a major cause of illness and death, particularly in developing countries. Lack of access to clean water and sanitation is a major contributing factor to these diseases.
  • Conflict: Water scarcity and pollution can lead to conflict between groups and communities competing for this precious resource.

In the current scenario, there are a number of examples of how the crisis of freshwater availability and access is unfolding around the world. For example:

  • In California, USA, a prolonged drought has led to water shortages and restrictions.
  • In India, millions of people lack access to clean drinking water and sanitation.
  • In Cape Town, South Africa, the city came close to running out of water in 2018.
  • In the Middle East and North Africa region, water scarcity is a major source of conflict.

The crisis of freshwater availability and access is a serious threat to human security and sustainable development. It is essential to take urgent action to address this crisis, including investing in water infrastructure, promoting water conservation, and improving water management practices.

Conclusion

The crisis of freshwater availability and access is a complex and challenging issue. There is no single solution, and it will require a concerted effort from governments, businesses, and individuals to address it. However, by taking action now, we can help to ensure that everyone has access to this essential resource.

 

5. आज दुनिया मीठे पानी के संसाधनों की उपलब्धता और उन तक पहुंच के संकट से क्यों जूझ रही है? (उत्तर 150 शब्दों में) 10 अंक

आज दुनिया मीठे पानी के संसाधनों की उपलब्धता और उन तक पहुंच के संकट से जूझ रही है। यह कई कारकों के कारण है, जिनमें शामिल हैं:

  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन वर्षा प्रतिरूप को बाधित कर रहा है, जिससे कुछ क्षेत्रों में सूखा और अन्य में बाढ़ आ रही है। इससे जल संसाधनों की भविष्यवाणी करना और उनका प्रबंधन करना अधिक कठिन हो रहा है।
  • जनसंख्या वृद्धि: वैश्विक जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।
  • आर्थिक विकास: आर्थिक विकास अक्सर पानी के बढ़ते उपयोग से जुड़ा होता है, खासकर कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में।
  • प्रदूषण: औद्योगिक अपशिष्ट, कृषि अपवाह और सीवेज से जल प्रदूषण मीठे पानी की आपूर्ति को दूषित कर रहा है और उन्हें पीने और सिंचाई के लिए अनुपयोगी बना रहा है।
  • असमान पहुंच: मीठे पानी के संसाधनों तक हर किसी की समान पहुंच नहीं है। यह विकासशील देशों में विशेष रूप से सच है, जहां कई लोगों के पास स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता तक पहुंच नहीं है।
  • अस्थिर निष्कर्षण प्रथाएँ: उपभोक्तावादी रवैया और पारंपरिक जल संचयन संरचनाओं का ह्रास

मीठे पानी की उपलब्धता और पहुंच के संकट के कई नकारात्मक परिणाम हो रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • भोजन की असुरक्षा: कृषि के लिए पानी आवश्यक है, और जलवायु परिवर्तन और अन्य कारक भोजन उगाना अधिक कठिन बना रहे हैं। इससे दुनिया के कई हिस्सों में खाद्य असुरक्षा पैदा हो रही है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: जलजनित बीमारियाँ बीमारी और मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं, विशेषकर विकासशील देशों में। स्वच्छ जल और स्वच्छता तक पहुंच का अभाव इन बीमारियों का एक प्रमुख योगदान कारक है।
  • संघर्ष: पानी की कमी और प्रदूषण इस बहुमूल्य संसाधन के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले समूहों और समुदायों के बीच संघर्ष का कारण बन सकता है।

वर्तमान परिदृश्य में, ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे दुनिया भर में मीठे पानी की उपलब्धता और पहुंच का संकट सामने आ रहा है। उदाहरण के लिए:

  • कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में, लंबे समय तक सूखे के कारण पानी की कमी और प्रतिबंध पैदा हो गए हैं।
  • भारत में लाखों लोगों को स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता तक पहुंच नहीं है।
  • दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में, शहर 2018 में पानी खत्म होने के करीब पहुंच गया।
  • मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका क्षेत्र में पानी की कमी संघर्ष का एक प्रमुख कारण है।

मीठे पानी की उपलब्धता और पहुंच का संकट मानव सुरक्षा और सतत विकास के लिए एक गंभीर खतरा है। इस संकट से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक है, जिसमें जल बुनियादी ढांचे में निवेश, जल संरक्षण को बढ़ावा देना और जल प्रबंधन प्रथाओं में सुधार करना शामिल है।

निष्कर्ष:

मीठे पानी की उपलब्धता और पहुंच का संकट एक जटिल और चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। इसका कोई एक समाधान नहीं है, और इसे संबोधित करने के लिए सरकारों, व्यवसायों और व्यक्तियों से ठोस प्रयास की आवश्यकता होगी। हालाँकि, अभी कार्रवाई करके, हम यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि हर किसी की इस आवश्यक संसाधन तक पहुंच हो।

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