पशुपालन एवं डेयरी विभाग फरवरी-2014 से पूरे देश में राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम योजना लागू कर रहा है। इस योजना को निम्नलिखित दो घटकों और उनके संबंधित उद्देश्यों के साथ 2021-22 से 2025-26 तक कार्यान्वयन के लिए पुनर्गठित/पुनर्व्यवस्थित किया गया है:
(i) राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम का घटक 'ए' पूरे देश में राज्य सहकारी डेयरी संघों/जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ/एसएचजी/दुग्ध उत्पादक कंपनियों/किसानों/ उत्पादक संगठनों के लिए गुणवत्ता वाले दूध परीक्षण उपकरणों के साथ-साथ प्राथमिक शीतलन सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण/मजबूतीकरण पर केंद्रित है।
(ii) राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम योजना के घटक 'बी' "सहकारिता के माध्यम से डेयरी" का उद्देश्य किसानों की संगठित बाजार तक पहुंच बढ़ाकर, डेयरी प्रसंस्करण सुविधाओं और विपणन बुनियादी ढांचे को उन्नत करके और उत्पादक स्वामित्व वाले संस्थानों की क्षमता को बढ़ाकर दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ाना है।