- पशुपालन एवं डेयरी विभाग फरवरी-2014 से पूरे देश में "राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)" योजना लागू कर रहा है। इस योजना को निम्नलिखित दो घटकों के साथ 2021-22 से 2025-26 तक कार्यान्वयन के लिए जुलाई 2021 में पुनर्गठित/पुनर्व्यवस्थित किया गया है:
- NPDD का घटक 'ए' राज्य सहकारी डेयरी संघों/जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ/एसएचजी/दुग्ध उत्पादक कंपनियों/किसान निर्माता संगठनों के लिए गुणवत्ता वाले दूध परीक्षण उपकरणों के साथ-साथ प्राथमिक शीतलन सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण/मजबूतीकरण पर केंद्रित है।
- NPDD योजना के घटक 'बी' "सहकारिता के माध्यम से डेयरी" का उद्देश्य किसानों की संगठित बाजार तक पहुंच बढ़ाकर, डेयरी प्रसंस्करण सुविधाओं और विपणन बुनियादी ढांचे को उन्नत करके और उत्पादक स्वामित्व वाले संस्थानों की क्षमता को बढ़ाकर दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ाना है।
- NPDD मांग आधारित योजना है और पिछले तीन वर्षों के दौरान कोई राज्यवार आवंटन नहीं किया गया था।
- NPDD योजना के घटक ए के तहत, किसानों को अच्छी स्वच्छता प्रथाओं/अच्छी विनिर्माण प्रथाओं आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।NPDD योजना के घटक बी के तहत, किसानों को स्वच्छ दूध उत्पादन और अच्छी स्वच्छता प्रथाओं, दुधारू पशुओं के पालन, पशु चारा, हरा चारा और खनिज मिश्रण अपनाने आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।