प्रसंग:
- हंगरी और अमेरिका के वैज्ञानिकों – कैटलिन कैरिको और ड्रू वाइजमैन – ने क्रमश: एमआरएनए कोविड-19 टीकों (mRNA COVID-19 Vaccines) के विकास को सक्षम करने वाली खोजों के लिए फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र में 2023 का नोबेल पुरस्कार जीत लिया है।
- पुरस्कार देने वाली संस्था ने कहा, ‘फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार कैटलिन कैरिको और ड्रू वाइजमैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए दिया गया है, जिसने कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम बनाया है’।
क्यों महत्वपूर्ण?
- इस साल का नोबेल पुरस्कार उनकी (कैरिको और वाइजमैन) बुनियादी विज्ञान खोज को मान्यता देता है, जिसने मौलिक रूप से हमारी समझ को बदल दिया कि एमआरएनए प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ कैसे संपर्क करता है और जिसका हाल की महामारी के दौरान समाज पर एक बड़ा प्रभाव पड़ा।
- कैरिको ने प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को लैब-निर्मित एमआरएनए के खिलाफ भड़काऊ प्रतिक्रिया (Inflammatory Reaction) शुरू करने से रोकने का एक तरीका खोजा, जिसे पहले एमआरएनए के किसी भी चिकित्सीय उपयोग के खिलाफ एक बड़ी बाधा के रूप में देखा जाता था।
- वाइजमैन के मिलकर साथ उन्होंने 2005 में दिखाया कि न्यूक्लियोसाइड्स में समायोजन, आणविक अक्षर (Molecular Letters) जो एमआरएनए के आनुवंशिक कोड को लिखते हैं, एमआरएनए को प्रतिरक्षा प्रणाली के रडार के तहत रख सकते हैं।
- इस अभूतपूर्व खोज ने इस मूल समझ को बदल दिया कि एमआरएनए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ कैसे संपर्क करता है। इसकी वजह से ही संकट की इस घड़ी में प्रभावी टीकों का विकास संभव हो पाया था।
- वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च से पता चला है कि आधार-संशोधित एमआरएनए तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने में मददगार हो सकता है और इसका उपयोग कोशिकाओं तक एमआरएनए पहुंचाने के साथ प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।